इंदौर। एक साल की अवधि में मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में बिजली पैदा करने के लिए सौर पैनलों का उपयोग करने वाले स्थानों की संख्या में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मध्य प्रदेश पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि पिछले साल मई-जून में पश्चिमी मध्य प्रदेश के 15 जिलों में 4900 स्थानों पर सोलर पैनल से बिजली पैदा की जा रही थी, जबकि अब यह संख्या बढ़कर 8550 हो गई है. अधिकारी ने बताया कि कहा कि वर्तमान में 8,550 स्थानों पर सौर पैनल लगाए गए हैं, जिनमें आवास के अलावा अस्पताल, सरकारी कार्यालय और अन्य परिसर शामिल हैं. इन स्थानों पर कुल 110 मेगावाट के सोलर पैनल लगे हैं, जिनसे इस गर्मी में हर महीने कम से कम 5 करोड़ रुपये की बिजली पैदा हो रही है.
सौर उर्जा से दफ्तर रोशन: बिजली वितरण कंपनी के अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर जगहों पर इमारतों की छतों पर पैनल लगाए गए हैं. इनमें से 59 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल बिजली के लो-टेंशन उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित किए गए हैं, जबकि हाई-टेंशन उपभोक्ताओं के लिए 51 मेगावॉट क्षमता के सोलर पैनल लगाए गए हैं. अधिकारी ने कहा कि सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में पश्चिमी मध्य प्रदेश में इंदौर शीर्ष पर है, जहां कम से कम 5,100 स्थानों पर इस तरह से हरित ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है.
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सौर शहर का विकास: गौरतलब है कि राज्य सरकार इंदौर को "सौर शहर" के रूप में विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. अधिकारी ने आगे कहा कि सोलर पैनल से बिजली पैदा करने और उसे ग्रिड में भेजने की 'नेट मीटरिंग प्रणाली' के कारण संबंधित उपभोक्ताओं के मासिक बिजली बिल में 30 से 60 फीसदी की कमी आई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं को उनकी छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी देती है और उन्हें उपकरण स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण भी मिलता है.
PTI