इंदौर। मिनी मुंबई का हृदय स्थल माना जाने वाले राजवाड़ा के लिए नगर निगम ने काम में तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी है. कुछ दिनों पहले चर्चा चली थी कि राजवाड़ा का स्ट्रक्चर एक तरफ झुक रहा है लेकिन निगम अधिकारियों ने इस बात को सिरे से खारिज किया है.
एक्सपर्ट्स टीम कर रही हैं अध्ययन
इंदौर के राजवाड़ा को लेकर नगर निगम ने अपने काम में तेजी लाने की कवायद शुरू कर दी है. कमजोर हो चुकी लकड़ी की संरचनाएं नगर निगम के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आईं थी, लेकिन अब इसके लिए एक्सपर्ट्स की टीम पूरे राजवाड़ा का अध्ययन कर रही है. हालांकि, राजवाड़ा के नवीनीकरण का पूरा काम अब 2021 में ही पूरा हो पाएगा. राजवाड़ा के नवनीकरण का काम स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है. वहीं 7 मंजिला इमारत में लकड़ी की संरचनाओं का कायाकल्प नगर निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
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17.62 करोड रुपए की लागत से हो रहा है राजवाड़ा का काम
राजवाड़ा के पूरे हिस्से का नवीनीकरण 17.62 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है. राजवाड़ा की मुख्य इमारत में कई जगहों पर सुधार कार्य करने में दिक्कत इसलिए भी आ रही है, क्योंकि राजवाड़ा की इमारत तीन मंजिल पत्थर की बनी है, जबकि लकड़ी की संरचनाओं से ऊपर की चार मंजिल बनी हुई है. इन लकड़ी की संरचनाओं में कमजोर संरचनाएं बड़ी संख्या में मौजूद हैं.
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चेन्नई से बुलाए गए हैं विशेषज्ञ, 8 महीनों से बंद है काम
राजवाड़ा के कायाकल्प के काम को विशेषज्ञों की देखरेख में किया जा रहा है. इसके लिए IIT चेन्नई के अधिकारी अरुण मेनन को इंदौर बुलाया गया था. अरुण मेनन ही पूरे राजवाड़ा का अध्ययन कर रहे हैं. जिसके बाद वे अपनी रिपोर्ट नगर निगम को सौंपेंगे और उस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम राजवाड़ा का काम पूरा करेगा. हालांकि, राजवाड़ा का ज्यादातर सिविल वर्क पूरा हो गया है लेकिन बचा काम करने के लिए अभी और समय लग सकता है. इस कारण यही उम्मीद की जा रही है कि 2021 तक राजवाड़ा का कायाकल्प हो सकेगा.
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राजवाड़ा इंदौर का हदयस्थल माना जाता है. वहीं पर्यटन की दृष्टि से भी राजवाड़ा का अपना महत्व है. इंदौर में आने वाले कई लोग राजवाड़ा को देखने और घूमने के लिए भी पहुंचते हैं. स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सबसे पहले राजवाड़ा का काम ही शुरू किया गया था, लेकिन तीन साल में राजवाड़ा का काम पूरा नहीं किया जा सका है.