इंदौर। इंदौर नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति के बाद नगर निगम के अधिकारी शहर के विकास कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है. जिसके चलते निगम आयुक्त आशीष सिंह ने काम में लापरवाही बरतने वाले 56 कर्मचारियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है. इसके साथ ही आयुक्त ने 5 लोगों को भी बाहर का रास्ता दिखाया है. जिन्होंने अपर आयुक्त की फर्जी हस्ताक्षर करने की कोशिश की थी.
स्वच्छता में तीन बार देश में नंबर वन आ चुका इंदौर शहर चौथी बार भी अपना परचम लहराने के लिए तैयार है. महापौर सहित पूरे परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शासन द्वारा प्रशासक की नियुक्ति के चलते अब निगम के अधिकारियों पर शहर की साख को बनाए रखने की जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है.
अब ऐसे में निगम के द्वारा किसी भी तरह की लापरवाही और काम में गंभीरता की कमी को बर्दाश्त करना नामुमकिन है. जिसके चलते आयुक्त द्वारा सख्त रवैया अपनाते हुए 56 लोगों को बर्खास्त किया गया है. इसके साथ ही पांच ऐसे लोगों को भी बाहर किया गया है जिनके द्वारा अपर आयुक्त के जाली हस्ताक्षर करने की कोशिश की जा रही थी, इन पांच कर्मचारियों पर निगम के द्वारा पुलिस प्रकरण भी दर्ज कराया जाएगा.
निगमायुक्त का मानना है कि वर्तमान में जो कार्रवाई की गई है उसी की तर्ज पर आगे भी काम में लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और किसी भी तरह की गैर जिम्मेदाराना हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले नगर निगम के कुछ कर्मचारियों द्वारा अपर आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर करने की कोशिश का मामला आयुक्त के संज्ञान में आया था, जिसके बाद की गई जांच में निगम के 5 कर्मचारी दोषी पाए गए थे.