इंदौर। साल के अंत में एमपी विधानसभा चुनावों से पहले घोषित की जा रही लोकलुभावन योजनाओं को बीजेपी और कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के "दिल्ली मॉडल" से कॉपी किया है ये बात आम आदमी पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने गुरुवार को कहा. सिंगरौली मेयर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल द्वारा वहां के लोगों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्रों में शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं को भाजपा और कांग्रेस ने "रेवड़ी" के रूप में वर्णित किया था, लेकिन अब वे इसकी नकल कर रहे हैं.
कांग्रेस बीजेपी 2 भाइयों की तरह: पीटीआई से बात करते हुए सिंगरौली मेयर और आप नेता रानी अग्रवाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए भाजपा और कांग्रेस द्वारा लोकलुभावन घोषणाओं को चुनावी हथकंडे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन केजरीवाल के दिल्ली मॉडल को जमीनी स्तर पर लागू करना दोनों पार्टियों के लिए बहुत मुश्किल है. सिंगरौली मेयर ने कहा कि जब चुनावी घोषणाओं की बात आती है तो भाजपा और कांग्रेस दो भाइयों की तरह हैं.
BJP और कांग्रेस की चुनावी घोषणा: मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने 'मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना' के तहत गरीब और मध्यम वर्ग की लगभग सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में प्रति माह 1,000 रुपये स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा किया है कि धीरे-धीरे राशि बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाएगा. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जबलपुर में सोमवार को अपनी रैली के दौरान महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह देने, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर और हर महीने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया. सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना और अगर उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव जीतती है तो कृषि ऋण माफी की घोषणा भी की.
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दिल्ली मॉडल के नाम पर वोट: AAP प्रदेश अध्यक्ष अग्रवाल ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद से मध्य प्रदेश ने कांग्रेस या भाजपा सरकारों को देखा है, लेकिन बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कमियों और बेरोजगारी के साथ राज्य की स्थिति दयनीय है. आप केजरीवाल के दिल्ली मॉडल का पालन करेगी और स्थानीय मुद्दों पर मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. सिंगरौली मेयर ने कहा कि लोगों को केवल काम की चिंता है. हम मतदाताओं से कहेंगे कि अगर हमने दिल्ली में अच्छा काम किया है तो मध्य प्रदेश में हमें वोट दें अन्यथा, हमें वोट मत दो. आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि वह साल के अंत में मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 2018 के चुनावों में इसने 208 सीटों पर लड़ाई लड़ी थी, 207 में एक भी जीत हासिल नहीं की और जमानत भी गंवाई. इसका वोट शेयर महज 0.66 फीसदी था.
INPUT-PTI