इंदौर। पूरे देश में लगातार कोरोना का कहर जारी है, ऐसे में लोग अपने घरों में बैठे हुए है. लॉकडाउन के बाद लोगों ने मोबाइल इंटरनेट का उपयोग करना लगभग हर काम में शुरू कर दिया है. जहां बच्चों की पढ़ाई हो या वर्क फ्रॉम होम, सभी के लिए इंटरनेट की आवश्यकता बढ़ी है. ऐसे में मोबाइल डाटा यूजर्स में भी बढ़ोतरी हुई है. लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने मोबाइल प्लान में भी बदलाव किया है और अधिक डाटा वाले प्लान लिए हैं.
कोरोना काल में बढ़े मोबाइल उपभोक्ता
मध्य प्रदेश सहित देश में लगे लॉकडाउन के कारण कई स्कूल, कॉलेज और ऑफिस पूरी तरह से बंद हैं, लेकिन इनका काम लगातार जारी है. यहीं कारण है कि, कोरोना काल में मोबाइल डाटा यूज करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. अधिक डाटा उपयोग से इंटरनेट की स्पीड पर भी असर पड़ा है.
ऑनलाइन क्लासेस से डाटा खपत बढ़ी
बच्चों की पढ़ाई में भी बदलाव देखने को मिला है, कई स्कूलों ने बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस शुरू की हैं. जिसमें कई गतिविधियां उन्हें सिखाई जा रही हैं. बच्चों के ऑनलाइन क्लासेस दिन भर में कई बार होने लगे हैं. इसके कारण भी मोबाइल उपभोक्ताओं को अत्यधिक डाटा की जरूरत पड़ रही है.
वर्क फ्रॉम होम के जरिए हो रहा काम
लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम चालू हुआ है, बड़ी आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर पर ही संसाधन उपलब्ध कराए. इस दौरान ऑफिस का कार्य लोग घर से ही कर रहे हैं. जिसके चलते पहले की तुलना में अधिक डाटा खर्च होने लगा है. इसका नतीजा ये भी निकला है कि, कई कंपनियों के नेट की स्पीड भी कम हो गई है.
अधिक डेटा उपयोग का नेटवर्क पर हो रहा असर
मोबाइल डेटा का उपयोग बढ़ने के कारण नेटवर्क पर इसका सीधा असर पड़ा है. हालांकि कंपनियां इस बात को सिरे से खारिज कर रही हैं, कि नेट की स्पीट कम हुई है, लेकिन आम उपभोक्ताओं ने इसे महसूस किया है. वहीं ज्यादा डाटा प्लान के कारण लोगों की जेब पर भी इसका असर पड़ा है.