इंदौर। लक्ष्मी नगर कृषि उपज मंडी के दो केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर गेहूं समेत चना और अन्य फसलों की खरीदी के लिए जिन 30 किसानों को अपनी उपज लेकर पहुंचना था, उनमें से मात्र 7 किसान फसल लेकर आंए. लिहाजा पहले दिन यहां मात्र 650 क्विंटल की खरीदी हो सकी है. गेहूं के अलावा चना उत्पादक 10 किसानों को भी अपनी फसल लेकर खरीदी के लिए बुलाया गया था, लेकिन मंडी समिति को बताया गया कि 10 में से 8 किसानों के पास चने की उपाधि नहीं है. वहीं, बचे 2 किसान एमएसपी पर अपना चना बेचने को तैयार नहीं है. मंडी समिति का कहना है कि पहले दिन सूचना नहीं होने और होली का त्योहार होने के कारण भी किसान अपनी-अपनी फसल लेकर नहीं आ पाए. होली के बाद मंडियों में समर्थन मूल्य पर बिकने वाली उपज की आवाज तेजी से बढ़ेगी.
पहले दिन नहीं आया सहायता समूह
समर्थन मूल्य की खरीदी के पहले इस बार राज्य सरकार ने दावा किया है कि प्रदेशभर की महिला स्व सहायता समूह मंडियों से उपज की खरीदी कर सकेंगे, जो समूह पोषाहार और अन्य सामाजिक गतिविधियों को संचालित करते हैं. इस आशय के निर्देश प्रदेश की तमाम मंडियों में सभी उपार्जन केंद्रों को भेजे गए, लेकिन बताया जा रहा है कि अधिकांश स्व सहायता समूह ने फसल की खरीदी के लिए पंजीयन ही नहीं कराया है. ऐसी स्थिति में मंडी प्रशासन के अधिकारी भी स्व सहायता समूह को खरीदी के लिए आमंत्रित करने की स्थिति में नहीं है. इंदौर में स्थिति यह है की मंडियों में जो अधिकारी कर्मचारी खरीदी करवा रहे हैं. वह भी सरकार के इस फैसले और महिला स्व सहायता समूह द्वारा की जाने वाली खरीदी को लेकर कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं है.