इंदौर। मध्यप्रदेश ऑयल सीड उत्पादित करने के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है. ये जानकारी देते हुए खाद्य संस्करण विभाग से प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया ने बताया फिलहाल मध्यप्रदेश में 8 फ़ूड पार्क में हैं. प्रदेश में 2.88 लाख किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क है. प्रदेश में 1.34 लाख हेक्टेयर में संतरे की खेती होती है. प्रतिवर्ष यहां 23.52 लाख मीट्रिक टन संतरा उत्पादित होता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है, जिसको बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर किया जा रहा है.
उद्यमियों ने विचार साझा किए : कंसोटिया ने बताया कि यही वजह है कि प्रदेश में आईटीसी, पारले, डाबर, बालाजी, टॉप एंड टाउन, एलटी फूड्स, पेप्सी को आदि कंपनियों के प्लांट्स कार्य कर रहे हैं. इस दौरान एम्बि वाइन रतलाम के जितेंद्र पाटीदार, श्रीधि मिल्क कंपनी के देवेंद्र खंडेलवाल, संतरे निर्यात करने वाले साजिद मंसूर अंसारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट पी.के. जैन व फ्रोजन फूड्स के सुभाष काबरा ने प्रवासियों के बीच अपने अनुभव साझा किए. इसके बाद जापान, मारीशस, ऑस्ट्रेलिया से आए प्रवासी भारतीयों ने ग्रेप वाइन, गार्लिक व ओनियन की प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखाई.
कई कंपनियां निवेश को उत्साहित : सिंगापुर के सहयोग से हेल्थ केयर इनोवेशन कॉरीडोर के लिए सिंगापुर के गोविंदा होल्डिंग्स के अध्यक्ष डॉ.आनंद गोविंदलुरी ने स्वास्थ्य एवं बायोटेक सेक्टर में निवेश की इच्छा जताई है. दरअसल, सिंगापुर की यह कंपनी महाराष्ट्र और गोवा में निवेश कर चुकी है. इसी प्रकार कुआलालंपुर एंड सेलंगोर इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी उद्योग लगाने का प्रस्ताव दिया है. इसके अलावा मलेशियन कम्पनी को इलेक्ट्रानिक्स, सेमीकंडक्टर्स, चिकित्सा उपकरण, फार्मा सेक्टर, दूरसंचार सेक्टर में निवेश की संभावना है. इसके अलावा केलिफोर्निया यूएसए के उद्यमी संजय गोयल ने अपाचे पॉलीमर्स का 110 करोड़ रुपए का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है. दावा किया जा रहा है कि इस इकाई में 110 करोड़ रुपए की राशि का प्रस्तावित निवेश होगा और 300 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा. इसके अलावा मॉस्को की कंपनी स्टार ओवरसीज द्वारा इलेक्ट्रिक बस, ट्रॉली बस और ट्रामवे आदि की आपूर्ति और निर्माण में रुचि दिखाई है.
प्रवासी भारतीयों को आमंत्रण : लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त एमएसएमई पी नरहरि ने कहा कि भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ईको सिस्टम है. यहां 86 हजार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स हैं, जिनमें 108 यूनिकॉर्न हैं. राज्यों की स्टार्टअप्स रैंकिंग में मध्य प्रदेश प्रथम पंक्ति में आता है. मध्यप्रदेश में स्टार्टअप नीति 2022 लागू की है. मध्यप्रदेश में 2600 स्टार्टअप्स है, जिनमें 40% महिला स्टार्टअप हैं. मध्यप्रदेश का स्टार्टअप पोर्टल भारत सरकार के स्टार्टअप पोर्टल से एकीकृत किया गया है. कोई भी उद्यमी जिसके पास नवाचार और रचनात्मकता हो, वह स्टार्टअप पोर्टल पर अपने स्टार्टअप को पंजीकृत करा सकता है.