इंदौर। निजी व सरकारी हॉस्पिटलों में लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है. ताजा मामला सामने ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल से सामने आया है. यहां पर लाशों की ही अदला-बदली कर दी गई. जब परिजनों को पूरे घटनाक्रम की जानकारी लगी, तो हॉस्पिटल प्रबंधन ने पहले से भेजी दूसरी जगह भेजी गई लाश को रास्ते में बदल कर परिजनों के हवाले किया.
इंदौर के ग्रेटर कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद प्रबंधन ने एक लाश को सनावाद भेजवा दिया, जबकि दूसरे मृतक के परिजन आए तो पता चला कि जो लाश सनावाद भिजवाई गई है, वो किसी और की है, और जो लाश हास्पिटल में है उसे सनावाद भिजवाना था.
आनन-फानन में हॉस्पिटल प्रबंधक ने सनावद जा रहे व्यक्तियों को सूचना दी, और बीच रास्ते में ही रुकने को कहा. उसके बाद इंदौर से एंबुलेंस के माध्यम से संबंधित व्यक्ति की लाश को वहां पर पहुंचाया गया और तकरीबन 60 किलोमीटर दूर बॉडी की अदला बदली कर वापस इंदौर लाया गया, और फिर परिजनों के हवाले किया गया.
पूरे ही मामले को लेकर कई तरह के आरोप भी परिजनों ने डॉक्टरों पर लगा हैं. परिजनों का कहना है कि जिस लाश को उन्हें दिया गया था, वह कोरोना संक्रमित थे. जबकि उनके पिता की मौत कैंसर से हुई थी. इससे यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना महामारी को लेकर डॉक्टर भी कितने संजीदा हैं, और किस तरह से काम कर रहे हैं. देखना होगा कि पूरे ही मामले में प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करता है.