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#JeeneDo: क्राइम हब बना CM शिवराज का 'वाशिंगटन'! सुपर कॉरिडोर पर सुरक्षा जीरो, अपराधी बन रहे 'हीरो'

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सपनों का सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) अपराधियों का अड्डा बन गया है, जहां आने-जाने से लोग कतराते हैं, जबकि असुरक्षा की बची-खुची कसर पुलिस का सीमाई विवाद पूरा कर देता है. ये वही सुपर कॉरिडोर है, जिसे सीएम ने वाशिंगटन की सड़कों से भी बेहतर बताया था, पर यहां सुरक्षा के लिए कुछ भी इंतजाम नहीं है, इसलिए ये कॉरिडोर रात्रि के वक्त अपराधियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बन गया है. ईटीवी भारत के सहयोगी ने रात्रि के वक्त सुपर कॉरिडोर का रियलिटी चेक (Reality Check) किया.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर का रियलटी चेक
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Published : Jul 31, 2021, 7:24 AM IST

Updated : Aug 4, 2021, 3:30 PM IST

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बना सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) आजकल आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बन चुका है. आये दिन महिलाओं और युवतियों के साथ आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं. जिससे महिलाएं यहां सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. शिकायत करने पर भी पुलिस सीमा का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेती है क्योंकि 15 किमी लंबा सुपर कॉरिडोर तीन थाना क्षेत्रों में पड़ता है, ऐसे में किसी भी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है, यही वजह है कि अपराधी वारदात को अंजाम देने के बावजूद आसानी से बच जाते हैं क्योंकि या तो शिकायत नहीं होती है और होती है तो वो सीमाई विवाद में उलझकर दम तोड़ देती है. कई बार महिलाओं की शिकायत पर पुलिस उन्हें ही जिम्मेदार ठहराने लगती है. ईटीवी भारत ने सुपर कॉरिडोर पर रात के वक्त (Reality Check) किया.

सुपर कॉरिडोर का रियलटी चेक

महिलाओं पर फब्तियां कसते मनचले

पिछले दिनों दोस्तों के साथ सेल्फी ले रही युवतियों को कुछ असामाजिक तत्व परेशान कर रहे थे, तभी तीन बाइक पर सवार छह युवक पहुंचे और सेल्फी ले रही युवतियों पर कमेंट करने लगे, उन्हे घूरने लगे, जिससे परेशान युवतियां वापस चली गई. ऐसा ही एक और मामला पिछले दिनों सामने आया था, जब जन्मदिन मनाने गए परिवार को कुछ असमाजिक तत्वों की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि चार युवक अपनी बाइक उनकी कार के पास खड़ी कर वहीं खड़े हो गए, मजबूरन उन्हें आनन-फानन में वापस जाना पड़ा.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर किनारे खड़ी महिला

देर रात मनचलों का लगता है जमघट

सुपर कॉरिडोर पर देर रात युवक-युवतियों के साथ ही असामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है, कई बार कई वारदातें भी हो चुकी हैं, उसके बाद भी पुलिस ऐसे तत्वों पर नकेल कसने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. यही वजह है कि आये दिन महिलाओं से छेड़छाड़ करने या छिनैती आदि करने वाले आसानी से बचकर निकल जाते हैं. ये वही सुपर कॉरिडोर है, जिसकी तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाशिंगटन की सड़कों से भी अच्छा बताया था. पर यहां तो सुरक्षा के नाम पर वही ढाक के तीन पात जैसे हालात हैं.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर पर दौड़ते वाहन

तीन थानों की लगती सीमा, फिर भी सुरक्षा शून्य

यूं तो सुपर कॉरिडोर की सुरक्षा का जिम्मा तीन थानों की पुलिस पर है, बाणगंगा पुलिस, एरोड्रम पुलिस और गांधीनगर पुलिस के कार्य क्षेत्र में ये पूरा सुपर कॉरिडोर आता है, जबकि रात्रि गश्त के दौरान भी सुपर कॉरिडोर पर पुलिस नजर नहीं आती है. इसी का नतीजा है कि वहां आपराधिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसे में खुद को मामा बताने वाले शिवराज सिंह के राज में भांजियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. वैसे भी इंदौर अपराध का गढ़ बना हुआ है, यहां नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर से गुजरते वाहन

MP में मानसून का डैम'चेक': 252 में से सिर्फ 12 फीसदी बांधों में 90 फीसदी पानी, 78 फीसदी अभी भी खाली

महिला के साथ हो चुकी है लूट

पहली घटना सुपर कॉरिडोर पर उस समय हुई थी, जब एक महिला अपने ही पति की हत्या कर लाश को सुपर कॉरिडोर पर ठिकाने लगा दी थी, जबकि दूसरी घटना साल भर पहले सामने आई थी, जब दो महिलाएं जन्माष्टमी के वक्त लसूड़िया थाना क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर से दर्शन कर वापस अपने घर गांधीनगर लौट रही थी, उस दौरान बाइक सवार युवकों ने दोनों महिलाओं जोकि एक्टिवा पर सवार थी, उनके हाथ से बैग छीन लिया था, इस दौरान स्कूटी से गिरकर महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसकी शिकायत पर पुलिस अपने-अपने थाना क्षेत्रों की सीमा को लेकर ही आपस में भिड़ गई, जिसके चलते दो दिन बाद शिकायत दर्ज हुई.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर का रात का नजारा

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल

जिस तरह सुपर कॉरिडोर पर महिलाओं के साथ अपराधिक घटनाएं आये दिन हो रही हैं, कई बार महिलाएं व युवती शिकायत भी नहीं करती हैं, जबकि कई बार पुलिस उल्टे महिला और युवतियों पर ही आरोप मढ़ देती है, जिसके चलते महिलाएं शिकायत दर्ज कराने से भी बचती हैं. शिकायत दर्ज करने में पुलिस की आनाकानी भी इसकी एक वजह है. सुरक्षित माहौल के बिना सुपर कॉरिडोर का निर्माण भी बेमानी है क्योंकि असुरक्षा के चलते लोग वहां जाना पसंद ही नहीं करेंगे.

कई कंपनियों के ऑफिस खोलने की तैयारी
मध्यप्रदेश सरकार सुपर कॉरिडोर का निर्माण व्यवसायिक क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी के लिए करवाया था, जहां देश की जानी-मानी कंपनियों को जमीन भी अलॉट कर चुकी है, जमीन अलॉट होने के बाद इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों ने अपना कामकाज भी शुरू कर दिया है, पर सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो इस सड़क पर अभी भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर किसी तरह की कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है. ऐसे में सुपर कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सरकार को सोचना चाहिए.

इंदौर। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में बना सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) आजकल आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बन चुका है. आये दिन महिलाओं और युवतियों के साथ आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं. जिससे महिलाएं यहां सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. शिकायत करने पर भी पुलिस सीमा का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेती है क्योंकि 15 किमी लंबा सुपर कॉरिडोर तीन थाना क्षेत्रों में पड़ता है, ऐसे में किसी भी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती है, यही वजह है कि अपराधी वारदात को अंजाम देने के बावजूद आसानी से बच जाते हैं क्योंकि या तो शिकायत नहीं होती है और होती है तो वो सीमाई विवाद में उलझकर दम तोड़ देती है. कई बार महिलाओं की शिकायत पर पुलिस उन्हें ही जिम्मेदार ठहराने लगती है. ईटीवी भारत ने सुपर कॉरिडोर पर रात के वक्त (Reality Check) किया.

सुपर कॉरिडोर का रियलटी चेक

महिलाओं पर फब्तियां कसते मनचले

पिछले दिनों दोस्तों के साथ सेल्फी ले रही युवतियों को कुछ असामाजिक तत्व परेशान कर रहे थे, तभी तीन बाइक पर सवार छह युवक पहुंचे और सेल्फी ले रही युवतियों पर कमेंट करने लगे, उन्हे घूरने लगे, जिससे परेशान युवतियां वापस चली गई. ऐसा ही एक और मामला पिछले दिनों सामने आया था, जब जन्मदिन मनाने गए परिवार को कुछ असमाजिक तत्वों की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि चार युवक अपनी बाइक उनकी कार के पास खड़ी कर वहीं खड़े हो गए, मजबूरन उन्हें आनन-फानन में वापस जाना पड़ा.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर किनारे खड़ी महिला

देर रात मनचलों का लगता है जमघट

सुपर कॉरिडोर पर देर रात युवक-युवतियों के साथ ही असामाजिक तत्वों का जमघट लगा रहता है, कई बार कई वारदातें भी हो चुकी हैं, उसके बाद भी पुलिस ऐसे तत्वों पर नकेल कसने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. यही वजह है कि आये दिन महिलाओं से छेड़छाड़ करने या छिनैती आदि करने वाले आसानी से बचकर निकल जाते हैं. ये वही सुपर कॉरिडोर है, जिसकी तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वाशिंगटन की सड़कों से भी अच्छा बताया था. पर यहां तो सुरक्षा के नाम पर वही ढाक के तीन पात जैसे हालात हैं.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर पर दौड़ते वाहन

तीन थानों की लगती सीमा, फिर भी सुरक्षा शून्य

यूं तो सुपर कॉरिडोर की सुरक्षा का जिम्मा तीन थानों की पुलिस पर है, बाणगंगा पुलिस, एरोड्रम पुलिस और गांधीनगर पुलिस के कार्य क्षेत्र में ये पूरा सुपर कॉरिडोर आता है, जबकि रात्रि गश्त के दौरान भी सुपर कॉरिडोर पर पुलिस नजर नहीं आती है. इसी का नतीजा है कि वहां आपराधिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. ऐसे में खुद को मामा बताने वाले शिवराज सिंह के राज में भांजियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. वैसे भी इंदौर अपराध का गढ़ बना हुआ है, यहां नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर से गुजरते वाहन

MP में मानसून का डैम'चेक': 252 में से सिर्फ 12 फीसदी बांधों में 90 फीसदी पानी, 78 फीसदी अभी भी खाली

महिला के साथ हो चुकी है लूट

पहली घटना सुपर कॉरिडोर पर उस समय हुई थी, जब एक महिला अपने ही पति की हत्या कर लाश को सुपर कॉरिडोर पर ठिकाने लगा दी थी, जबकि दूसरी घटना साल भर पहले सामने आई थी, जब दो महिलाएं जन्माष्टमी के वक्त लसूड़िया थाना क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर से दर्शन कर वापस अपने घर गांधीनगर लौट रही थी, उस दौरान बाइक सवार युवकों ने दोनों महिलाओं जोकि एक्टिवा पर सवार थी, उनके हाथ से बैग छीन लिया था, इस दौरान स्कूटी से गिरकर महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसकी शिकायत पर पुलिस अपने-अपने थाना क्षेत्रों की सीमा को लेकर ही आपस में भिड़ गई, जिसके चलते दो दिन बाद शिकायत दर्ज हुई.

super corridor reality check
सुपर कॉरिडोर का रात का नजारा

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठते सवाल

जिस तरह सुपर कॉरिडोर पर महिलाओं के साथ अपराधिक घटनाएं आये दिन हो रही हैं, कई बार महिलाएं व युवती शिकायत भी नहीं करती हैं, जबकि कई बार पुलिस उल्टे महिला और युवतियों पर ही आरोप मढ़ देती है, जिसके चलते महिलाएं शिकायत दर्ज कराने से भी बचती हैं. शिकायत दर्ज करने में पुलिस की आनाकानी भी इसकी एक वजह है. सुरक्षित माहौल के बिना सुपर कॉरिडोर का निर्माण भी बेमानी है क्योंकि असुरक्षा के चलते लोग वहां जाना पसंद ही नहीं करेंगे.

कई कंपनियों के ऑफिस खोलने की तैयारी
मध्यप्रदेश सरकार सुपर कॉरिडोर का निर्माण व्यवसायिक क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी के लिए करवाया था, जहां देश की जानी-मानी कंपनियों को जमीन भी अलॉट कर चुकी है, जमीन अलॉट होने के बाद इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियों ने अपना कामकाज भी शुरू कर दिया है, पर सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो इस सड़क पर अभी भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर किसी तरह की कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं किया गया है. ऐसे में सुपर कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सरकार को सोचना चाहिए.

Last Updated : Aug 4, 2021, 3:30 PM IST
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