इंदौर। इंदौर का सिख समाज बड़ी संख्या में हाथों में तिरंगा लिए रीगल चौराहा पहुंचा. इसमें महिला और बच्चे भी शामिल थे. इस दौरान सभी ने देश के प्रति स्वाभिमान और सम्मान के प्रतीक तिरंगे में आस्था व्यक्त की. उन्होंने कहा सिख समाज हमेशा भारत की एकता और अखंडता का समर्थक रहा है. जिसने देश के लिए सदियों कुर्बानी दी है. आईएसआई और पाकिस्तान जैसी विदेशी ताकतें सिख समाज को भारत से अलग नहीं कर सकती हैं.
कार्रवाई की मांग: लंदन के उच्चायोग अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास और आस्ट्रेलिया में तिरंगे को लेकर अपमानजनक घटनाओं के विरोध में सिख समाज सड़कों पर है. जो खालिस्तान समर्थकों को आईएसआई और पाकिस्तान परस्त बताकर विरोध कर रहा है. दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग पर सिखों के प्रदर्शन के बाद इंदौर में भी ऐसी घटनाओं को लेकर सिख समाज खासा निराश है. जो खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है.
खालिस्तान समर्थकों को चेतावनी: दिल्ली के ब्रिटिश उच्चायोग के समक्ष विरोध प्रदर्शन के बाद इंदौर में सिख समाज में एकजुट होकर खालिस्तान समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि, सिख समाज ने भारत में रहकर बलिदान दिया है. सिख हमेशा से भारतीय रहे हैं. ऐसी स्थिति में देश का अपमान करना सिखों का अपमान है. ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई जरूरी है.
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बर्दाश्त नहीं विरोधी तत्व: इंदौर में भाजपा नेता नरेंद्र सलूजा और सिख समाज के प्रतिनिधि रिंकू भाटिया ने कहा कि, इस मामले में केंद्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए अमृतपाल पर एनएसए के तहत कार्रवाई की है. उसके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा देश में ऐसे विरोधी तत्व को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, क्योंकि समाज की आस्था हमेशा तिरंगे और भारत में रही है.