इंदौर। पीड़ित पत्नी द्वारा मार्च 2022 में कोर्ट में आवेदन लगाया था. न्यायालय द्वारा आदेश कर आवेदन प्रस्तुति की तिथि से ही पत्नी को भरण-पोषण की राशि पति को अदा करने का आदेश दिया गया. कुल 18 महीने का 90 हजार रुपये भरण पोषण पत्नी को एक मुश्त देना होगा. मामले के अनुसार पति इंदौर के एरोड्रम क्षेत्र का रहने वाला है. उसकी सर्राफा में सोना-चांदी की दुकान है. वह सक्षम है. इसे देखते हुए इस प्रकार का आदेश दिया गया है. यह पहला मौका है जब जेल में बंद पति को न्यायालय द्वारा इस तरह का नोटिस जारी किया है.
तलाक की याचिका : अधिवक्ता महेंद्र मौर्य ने बताया कि लगभग 26 साल की युवती अनुराधा का विवाह 2020 में इंदौर के एरोड्रम निवासी आदित्य उर्फ सिद्धार्थ के साथ हुआ था. शादी के बाद से ही लगातार पीड़िता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. जिसकी शिकायत लड़की द्वारा महिला थाने में की गई थी. रिपोर्ट के आधार पर महिला थाने पर पति, सास, ससुर और जेठ जेठानी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इसी दौरान पीड़िता द्वारा कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की गई. साथ ही भरण पोषण का मुकदमा भी लगाया. मुकदमा दायर करने के बाद पीड़िता को पता चला कि पति हत्या के मामले में जेल में बंद है.
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आरोपी कारोबारी है : दरअसल आरोपी ने ₹14 हजार लेनदेन के चलते एक युवक की हत्या कर दी थी. उसे जेल भेज दिया गया था. न्यायालय द्वारा आरोपी पति को जेल में ही नोटिस जारी किया गया था. आरोपी ने कहा था कि वह जेल में है तो भरण-पोषण देने में सक्षम नहीं है. लेकिन अधिवक्ता ने न्यायालय के समक्ष दलील दी कि आरोपी आदित्य उर्फ सिद्धार्थ का सोने चांदी का व्यापार है और घर से सक्षम भी है. साथ ही सामूहिक परिवार में रहते हैं. इसलिए पारिवारिक आय को देखते हुए पत्नी को भरण-पोषण दिलाया जाए तो कोर्ट ने ये तर्क को मानने के बाद प्रतिमाह ₹5 हजार पत्नी को भरण-पोषण देने के आदेश दिया.