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Indore Law College: SC का MP पुलिस से सवाल, लाइब्रेरी में मिली किताब के लिए प्रिंसिपल को करेंगे गिरफ्तार?

इंदौर के लॉ कॉलेज विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार के रवैए पर नाराजगी जताते हुए सवाल पूछा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से पूछा है क्या सच में आप इस मामले को लेकर गंभीर हैं? कोर्ट ने प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान की जमानत याचिका को बरकरार रखा है.

Supreme Court and Principal Enamur Rahman
सुप्रीम कोर्ट और प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान
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Published : Jan 16, 2023, 7:47 PM IST

Updated : Jan 16, 2023, 7:53 PM IST

इंदौर। शासकीय लॉ कॉलेज में किताब विवाद मामले में प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्रिंसिपल की अग्रिम जमानत को बरकरार रखा है. वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ शिवराज सरकार पर बिफर गए. सीजेआई ने एमपी सरकार के रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सवाल पूछा है कि क्या लाईब्रेरी में मिली किताब का विवाद इतना बड़ा है कि सरकार प्रिंसिपल की जमानत के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक आ गई है. दरअसल, इंदौर में मौजूद सरकारी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल की अग्रिम जमानत पर विरोध जताने एमपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा एमपी सरकार से सवाल: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के वकील से पूछा कि 'इस मामले को लेकर आप वाकई में गंभीर हैं, जबकि किताबों के लिखने और कॉलेज की लाइब्रेरी रखने के समय प्रोफेसर इनामुर्र रहमान प्रिंसिपल नहीं थे, जबकि ये किताबें 2014 की है. तब उनकी गिरफ्तारी क्यों करनी है?' सीजेआई की बेंच को एडवोकेट के जोसेफ ने बताया कि 22 दिसंबर 2022 को एमपी हाईकोर्ट ने रहमान को अग्रिम जमानत दी थी. बेंच मामले पर सुनवाई बंद करने की तैयारी में था कि तभी सरकार की तरफ से पेश वकील ने रहमान की जमानत पर आपत्ति जताई.

Indore Law College Controversy प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सरकार के रवैए पर SC की नाराजगी: सरकार का रवैया बेंच को हैरत में डालने वाला था. सीजेआई ने पूछा कि लाईब्रेरी में मिली एक सांप्रदायिक किताब को लेकर सरकार इतनी उतावली क्यों हैं? सीजेआई का यहां तक कहना था कि सरकार को गंभीर होना चाहिए. ये मसला इतना बड़ा नहीं है. सरकार की तरफ से पेश वकील की दलील थी कि किताब सांप्रदायिक है. प्रिंसिपल इसमें लिखी बातें छात्रों को बता रहे थे. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई है. इसलिए मामले का निपटारा कर रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को गिरफ्तारी से तीन हफ्ते की राहत देते हुए कहा था, अगर हाईकोर्ट से उनको राहत नहीं दी गई तो हम मामले पर सुनवाई करेंगे.

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क्या है मामला: बता दें प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान की गिरफ्तारी मामले में 16 दिसंबर 2022 को एमपी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. वहीं 22 दिसंबर को हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल को अग्रिम जमानत दे दी थी. जिसके विरोध में एमपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. गौरतलब है कि इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान के खिलाफ भवर कुआं थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जहां उनका प्रोफेसर पर आरोप था कि उनकी लिखी तीन किताबें राष्‍ट्र विरोधी हैं. जो बच्चों को पढ़ाई जा रही है.

इंदौर। शासकीय लॉ कॉलेज में किताब विवाद मामले में प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने प्रिंसिपल की अग्रिम जमानत को बरकरार रखा है. वहीं मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ शिवराज सरकार पर बिफर गए. सीजेआई ने एमपी सरकार के रवैये पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए सवाल पूछा है कि क्या लाईब्रेरी में मिली किताब का विवाद इतना बड़ा है कि सरकार प्रिंसिपल की जमानत के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक आ गई है. दरअसल, इंदौर में मौजूद सरकारी लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल की अग्रिम जमानत पर विरोध जताने एमपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा एमपी सरकार से सवाल: सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के वकील से पूछा कि 'इस मामले को लेकर आप वाकई में गंभीर हैं, जबकि किताबों के लिखने और कॉलेज की लाइब्रेरी रखने के समय प्रोफेसर इनामुर्र रहमान प्रिंसिपल नहीं थे, जबकि ये किताबें 2014 की है. तब उनकी गिरफ्तारी क्यों करनी है?' सीजेआई की बेंच को एडवोकेट के जोसेफ ने बताया कि 22 दिसंबर 2022 को एमपी हाईकोर्ट ने रहमान को अग्रिम जमानत दी थी. बेंच मामले पर सुनवाई बंद करने की तैयारी में था कि तभी सरकार की तरफ से पेश वकील ने रहमान की जमानत पर आपत्ति जताई.

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सरकार के रवैए पर SC की नाराजगी: सरकार का रवैया बेंच को हैरत में डालने वाला था. सीजेआई ने पूछा कि लाईब्रेरी में मिली एक सांप्रदायिक किताब को लेकर सरकार इतनी उतावली क्यों हैं? सीजेआई का यहां तक कहना था कि सरकार को गंभीर होना चाहिए. ये मसला इतना बड़ा नहीं है. सरकार की तरफ से पेश वकील की दलील थी कि किताब सांप्रदायिक है. प्रिंसिपल इसमें लिखी बातें छात्रों को बता रहे थे. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाईकोर्ट से उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई है. इसलिए मामले का निपटारा कर रहे हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को गिरफ्तारी से तीन हफ्ते की राहत देते हुए कहा था, अगर हाईकोर्ट से उनको राहत नहीं दी गई तो हम मामले पर सुनवाई करेंगे.

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क्या है मामला: बता दें प्रिंसिपल इनामुर्र रहमान की गिरफ्तारी मामले में 16 दिसंबर 2022 को एमपी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. वहीं 22 दिसंबर को हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल को अग्रिम जमानत दे दी थी. जिसके विरोध में एमपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. गौरतलब है कि इंदौर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनामुर्रहमान के खिलाफ भवर कुआं थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जहां उनका प्रोफेसर पर आरोप था कि उनकी लिखी तीन किताबें राष्‍ट्र विरोधी हैं. जो बच्चों को पढ़ाई जा रही है.

Last Updated : Jan 16, 2023, 7:53 PM IST
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