इंदौर। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा प्रश्न चिन्ह खड़े होते रहे हैं, वहीं इंदौर पुलिस की कार्यप्रणाली को जानने के लिए खुद आईजी सिविल ड्रेस में एक थाने पहुंचे और फरियादी बनकर मोबाइल लूट की रिपोर्ट लिखाने की कोशिश करने लगे. वहीं पुलिसकर्मियों ने भी फरियादी के साथ जिस तरह से व्यवहार किया जाता है उसी तरह से व्यवहार करते हुए पूरे मामले की तस्दीक की और जब आईजी पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली से संतुष्ट हुए तो अपने बारे में वहां तैनात पुलिसकर्मियों को जानकारी दी.
बता दें इंदौर के छोटी ग्वालटोली थाने में नवागत आईजी एक फरियादी बनकर पहुंचे और बताया कि वह उनका भतीजा मधुमिलन चौराहे से गुजर रहा था, इसी दौरान किसी ने उनका मोबाइल लूट लिया है. अचानक हुए घटनाक्रम को सुनकर थाने पर तैनात पुलिसकर्मी हैरत में आ गए और उन्होंने फरियादी बनकर आए आईजी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली.
वहीं पुलिसकर्मियों ने मौके पर जाकर पूरे घटनाक्रम को समझा इसके बाद वहां पर थाना प्रभारी भी आ गए. उन्होंने पूरे मामले में किस तरह से कार्रवाई होती है इसके बारे में जानकारी दी. जब अपने पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली से आईजी संतुष्ट हुए तो अपने चेहरे पर लगे मास्क को हटाया और जैसे ही आईजी योगेश देशमुख ने अपने चेहरे पर लगा मास्क हटाया वहां पर तैनात थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मी भयभीत हो गए. लेकिन नवागत आईजी योगेश देशमुख ने वहां पर तैनात पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई की और कहा कि इसी तरह से फरियादियों की सुनवाई करनी चाहिए.
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वहीं थाने पर तैनात पुलिसकर्मियों ने घटना की जिस तरह से तस्दीक की उससे खुश होते हुए आईजी ने उन पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत भी किया. बता दें पिछले दिनों ही इंदौर आईजी के पद पर योगेश देशमुख ने चार्ज लिया है और आते ही जिस तरह से उन्होंने इंदौर पुलिस की कार्यप्रणाली का रियलिटी चेक किया उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में आईजी योगेश देशमुख कई कड़े फैसले ले सकते हैं.