इंदौर। बीते दिनों इंदौर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाले तीन नाबालिग अचानक घर से लापता हो गए. नाबालिग में एक युवती थी. इसके बाद इनके परिजनों ने पुलिस से शिकायत की तो गुमशुदगी का केस दर्ज किया गया. कुछ घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने तीनों को ढूंढ निकाला. नाबालिग युवती की शिकायत पर नाबालिग युवक के खिलाफ अपहरण और रेप की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया. लेकिन कुछ ही घंटे बाद अचानक युवक पुलिस हिरासत से गायब हो गया और उसकी लाश रेलवे ट्रैक पर मिली.
परिजनों में आक्रोश : इस मामले की जानकारी परिजनों को लगी तो उन्होंने जमकर हंगामा करते हुए थाने का घेराव कर दिया. परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. पुलिस ने हंगामा करने वाले परिजनों पर प्रकरण दर्ज कर लिया. लेकिन ये मामला शांत नहीं हुआ है. अब परिजनों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. परिजनों का कहना है कि जब युवक और युवती दोनों कुछ ही घंटों में पुलिस के द्वारा ढूंढ लिए गए थे तो युवती के परिजनों को पहले सूचना दी गई. जबकि युवक की किसी तरह की कोई जानकारी परिजनों तक नहीं आई.
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न्यायिक जांच जारी है : परिजनों का पुलिस पर आरोप है कि जब जानकारी लगी तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. वहीं, लसूड़िया थाने के एसआई मनीष पांडे पर मृतक के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि मनीष पांडे ने युवती के परिजनों से रिश्वत ली और इन सबने मिलकर युवक की हत्या की घटना को अंजाम दिया. इस पूरे मामले में सब इंस्पेक्टर की कॉल डिटेल के साथ ही नाबालिक युवती के परिजनों की कॉल डिटेल निकाली जाए तो पूरे मामले में निष्पक्ष जांच आगे हो सकती है. वहीं, पुलिस कमिश्नर मकरंद देवस्कर का कहना है कि इस मामले की न्यायिक जांच चल रही है.