इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब आवास एवं प्रॉपर्टी में निवेश के लिहाज से हर किसी का पसंदीदा शहर बन चुका है. यही वजह है कि बीते 5 सालों में यहां संपत्ति खरीदी में करीब 50 प्रतिशत तक का उछाल आ चुका है. वही, इंदौर में संपत्तियों की खरीदी बिक्री और संपत्तियों के पंजीयन से राज्य सरकार को हर साल करीब दो हजार करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो रहा है. इस बार लक्ष्य के अनुरूप राजस्व करीब 2500 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है.
प्रदेश में सबसे ज्यादा हो रहे हैं संपत्ति के सौदे: इंदौर प्रदेश का एकमात्र शहर है जहां सर्वाधिक संख्या में संपत्तियों के सौदे हर साल होते हैं. बीते साल इंदौर में प्रॉपर्टी की खरीदी बिक्री से पंजीयन एवं मुद्रा विभाग को 1836 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई थी जो गत वर्ष की तुलना में करीब 49 फीसदी ज्यादा थी. इस वर्ष राज्य शासन ने इंदौर से संपत्ति की खरीदी बिक्री के दौरान होने वाली राजस्व की प्राप्ति का लक्ष्य करीब 2,323 करोड़ निर्धारित किया है, जो 1 अप्रैल से अब तक 1071 करोड़ रुपए हो चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक राजस्व की प्राप्ति 842 करोड़ रुपए थी.
बेंगलुरू और पुणे जैसे शहरों से लोग आकर बस रहे हैं: इधर, 1 अप्रैल से अब तक हुई रजिस्ट्री हो अथवा संपत्तियों के सौदे के बाद होने वाली रजिस्ट्री की संख्या की बात करें तो पिछले साल की तुलना में यह 69,000 से बढ़कर 85,000 हो चुकी है. ऐसे में पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग का भी मानना है कि पिछले साल की तुलना में राज्य शासन ने जो राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य दिए हैं उससे भी ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा. देशभर के लोग कर रहे हैं इंदौर की प्रॉपर्टी में निवेश, दरअसल इंदौर शहर की स्वच्छता रैंकिंग में लगातार छठवीं बार पहले नंबर पर आने के कारण है. इंदौर की देश और दुनिया में बड़ी ख्याति है. मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, पुणे आदि शहरों से भी लोग इंदौर में आकर बस रहे हैं. यही स्थिति राज्य के विभिन्न शहरों के लोगों की है जो पढ़ाई लिखाई, रोजी रोटी, रोजगार एवं कैरियर आदि के लिहाज से इंदौर में आकर बस रहे हैं. लिहाजा जहां इंदौर की जनसंख्या करीब 42 लाख हो चुकी है. वहीं, शहर में संपत्ति खरीदी की दर भी प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में दोगुने से ज्यादा है. (Mini Mumbai Indore) (Indore best living destination) (Indore property purchase on high rise)