ETV Bharat / state

टिड्डी दल के आतंक पर कीट विशेषज्ञ की सलाह, तेज शोर नहीं ये उपाए करें किसान - कीट विशेषज्ञ आरके चौधरी

राजस्थान से टिड्डी दल के रूप में आई आफत से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर इंदौर कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ आरके चौधरी ने ईटीवी भारत से बात की.

Insect specialist
कीट विशेषज्ञ
author img

By

Published : May 31, 2020, 6:24 AM IST

Updated : May 31, 2020, 11:36 AM IST

इंदौर। कच्छ और राजस्थानी इलाकों से मध्यप्रदेश के कृषि अंचल में दाखिल होने वाले टिड्डी दल ने जहां किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं टिड्डियों के प्रकोप से निजात पाने का किसानों को कोई तरीका नहीं सूझ रहा है. प्रदेश में उपजे इन हालातों से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर इंदौर कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ आरके चौधरी ने ईटीवी भारत से बात की.

कीट विशेषज्ञ ने की ईटीवी भारत से बात

नीम का धुंआ है सबसे कारगार

डॉ आरके चौधरी ने कहा कि जो कीटनाशक टीड्डी दल को मार सकते हैं वह लॉकडाउन के चलते किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसान अपने खेतों में खड़ी फसलों को नीम का धुआं करके बचा सकते हैं. दरअसल देश में टिड्डी दल के हमले के बाद भारत सरकार और राज्य सरकार टिड्डी दल से निपटने की एडवाइजरी जारी कर चुकी है. इस एडवाइजरी में किसानों को खेतों में सॉइल कीटनाशकों के साथ पायरेथेराइड जैसे कीटनाशकों के छिड़काव की सलाह दी गई है.

17 घातक कीटनाशकों किया गया बंद

डॉ. आरके ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन के चलते कीटनाशकों और कृषि संसाधनों की दुकानें बंद हैं. जिससे किसानों को टिड्डी दल से निपटने के कीटनाशक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. इसके अलावा कोरोना संक्रमण के पहले ही राज्य सरकार ने केंद्र की एडवाइजरी पर मानवीय स्वास्थ्य के लिए 17 घातक कीटनाशकों को बंद कर दिया है. जो नए कीटनाशक तैयार किए गए हैं फिलहाल बाजार में उनकी उपलब्धता नहीं है. ऐसी स्थिति में टिड्डी दल से निपटने का सबसे कारगर जरिया नीम की निंबोली और नीम की पत्तियों का धुंआ करना बताया जा रहा है.

एक मादा टिड्डी देती है 50-60 अंडे

इस दौर में किसानों को टिड्डी दल से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. किसी एक खेत के बचाव से पूरा इलाका टिड्डी दल से मुक्त नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक टिड्डी दल की मादा 50 से 60 अंडे देती है. इसलिए खेतों में गहरी जुताई भी कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा फिलहाल खेतों में सब्जी मूंग और मक्का की फसलें लगी हैं, जिन्हें काफी हद तक टिड्डी दल ने नुकसान पहुंचाया है. इसलिए किसानों को चाहिए कि वे खेतों की मेड़ों और आसपास मौजूद खरपतवार को पहले हटा दें.

इंदौर। कच्छ और राजस्थानी इलाकों से मध्यप्रदेश के कृषि अंचल में दाखिल होने वाले टिड्डी दल ने जहां किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है. वहीं टिड्डियों के प्रकोप से निजात पाने का किसानों को कोई तरीका नहीं सूझ रहा है. प्रदेश में उपजे इन हालातों से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर इंदौर कृषि महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ आरके चौधरी ने ईटीवी भारत से बात की.

कीट विशेषज्ञ ने की ईटीवी भारत से बात

नीम का धुंआ है सबसे कारगार

डॉ आरके चौधरी ने कहा कि जो कीटनाशक टीड्डी दल को मार सकते हैं वह लॉकडाउन के चलते किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसी स्थिति में किसान अपने खेतों में खड़ी फसलों को नीम का धुआं करके बचा सकते हैं. दरअसल देश में टिड्डी दल के हमले के बाद भारत सरकार और राज्य सरकार टिड्डी दल से निपटने की एडवाइजरी जारी कर चुकी है. इस एडवाइजरी में किसानों को खेतों में सॉइल कीटनाशकों के साथ पायरेथेराइड जैसे कीटनाशकों के छिड़काव की सलाह दी गई है.

17 घातक कीटनाशकों किया गया बंद

डॉ. आरके ने कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में लॉकडाउन के चलते कीटनाशकों और कृषि संसाधनों की दुकानें बंद हैं. जिससे किसानों को टिड्डी दल से निपटने के कीटनाशक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. इसके अलावा कोरोना संक्रमण के पहले ही राज्य सरकार ने केंद्र की एडवाइजरी पर मानवीय स्वास्थ्य के लिए 17 घातक कीटनाशकों को बंद कर दिया है. जो नए कीटनाशक तैयार किए गए हैं फिलहाल बाजार में उनकी उपलब्धता नहीं है. ऐसी स्थिति में टिड्डी दल से निपटने का सबसे कारगर जरिया नीम की निंबोली और नीम की पत्तियों का धुंआ करना बताया जा रहा है.

एक मादा टिड्डी देती है 50-60 अंडे

इस दौर में किसानों को टिड्डी दल से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे. किसी एक खेत के बचाव से पूरा इलाका टिड्डी दल से मुक्त नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक टिड्डी दल की मादा 50 से 60 अंडे देती है. इसलिए खेतों में गहरी जुताई भी कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा फिलहाल खेतों में सब्जी मूंग और मक्का की फसलें लगी हैं, जिन्हें काफी हद तक टिड्डी दल ने नुकसान पहुंचाया है. इसलिए किसानों को चाहिए कि वे खेतों की मेड़ों और आसपास मौजूद खरपतवार को पहले हटा दें.

Last Updated : May 31, 2020, 11:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.