इंदौर। इंदौर संसदीय सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग पैनी नजर रख रहा है. जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, नोडल अधिकारियों को निगरानी के लिये दिशा- निर्देश जारी किए गये हैं. यह सभी अधिकारी अभ्यार्थियों और डमी कैंडिडेट पर नजर रखेंगे.
दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सभी अभ्यार्थी और राजनीतिक दलों को निर्वाचन प्रक्रिया में समान अवसर उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. राजनीतिक दलों द्वारा द्वारा कुछ लोगों को डमी के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा जाता है. इनके नाम से अनुमति ली जाती है या अन्य चुनाव प्रचार सामग्री पर खर्च किया जाता है.
कई बार राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव के दौरान डमी कैंडिडेट को चुनाव मैदान में उतारने से निर्वाचन व्यय के प्रावधानों का दुरुपयोग करने का प्रयास किया जाता है. जिसको लेकर निर्वाचन आयोग सख्त रुख अपना रहा है. कई बार डमी कैंडिडेट द्वारा प्रचार सामग्री वह अनुमति ली जाती है, जिसका खर्चा उसके खाते में जोड़ा जाता है. लेकिन अभ्यार्थी द्वारा अन्य व्यक्ति या राजनीतिक दल को समर्थन देकर उसका दुरुपयोग किया जाता है.
इसी को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा डमी कैंडिडेट और अभ्यार्थियों पर विशेष निगरानी की जा रही है. किसी भी कैंडिडेट द्वारा किसी राजनीतिक दल या अभ्यार्थी को समर्थन देकर निर्वाचन आयोग के नियमों का उल्लंघन ना किया जाए इसकी निगरानी भी की जा रही है. किसी अभ्यर्थी द्वारा अन्य अभ्यार्थी या राजनीतिक दल को समर्थन अगर दिया जाता है तो उस अभ्यार्थी का सारा खर्च समर्थन देने वाले राजनीतिक दल या अभ्यार्थी के खाते में जोड़ा जाएगा. इतना ही नहीं समर्थन देने वाले अभ्यार्थी द्वारा ली गई अनुमति भी निरस्त की जाएगी.