इंदौर। इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों अनुभूति सेवा संस्थान में रह रही नाबालिग, मूकबधिर, मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्ची के साथ रेप की घटना सामने आई थी. जब मामला सामने आया तो पुलिस ने इस मामले में पीड़ित का मेडिकल टेस्ट करवाया. जिसमें उसके साढ़े 5 महीने की गर्भवती होने की बात सामने आई थी. इसके बाद इस मामले में गर्भपात करवा कर डीएनए के माध्यम से आरोपी की तलाश करने की बात पुलिस द्वारा कही गई थी.इसके बाद गर्भपात करवाने की अनुमति को लेकर कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर आज कोर्ट ने अनुमति देते हुए गर्भपात करवाकर भ्रूण को सुरक्षित रखवाने का निर्देश दिया। साथ ही डीएनए के आधार पर आरोपी की तलाश करने के निर्देश कोर्ट ने दिए हैं.
नाबालिग के साथ हुआ था कृत्य: इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों अनुभूति सेवा संस्थान में रह रही नाबालिग बच्ची जो कि शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर एवं मूकबधिर थी. उसके साथ रेप की सनसनीखेज घटना सामने आई थी. इस मामले में जब पुलिस ने पीड़ित बच्ची की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. वहीं प्रकरण दर्ज करने के बाद इस मामले में जब बच्ची का मेडिकल टेस्ट करवाया गया तो सोनोग्राफी के आधार पर साढे़ 5 महीने के गर्भ होने की पुष्टि हुई थी. चूकि बच्ची मूक-बधिर होने के साथ ही मानसिक और शारीरिक रूप से भी कमजोर थी. उसके साथ में इस तरह का कृत्य किसने किया, इसके बारे में पुलिस को कोई भी किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दे पा रहा था.
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कोर्ट ने दिए गर्भपात के आदेश: पुलिस ने डीएनए के माध्यम से आरोपी की तलाश की बात कही थी. वहीं पुलिस ने परिवार को भी विभिन्न तरह की समझाइश दी. उसके बाद परिजनों की समझाइश के बाद एडवोकेट अभिजीत पांडे के माध्यम से इंदौर हाई कोर्ट में गर्भपात करवाने को लेकर एक याचिका लगाई गई थी. वहीं याचिका के माध्यम से कोर्ट को विभिन्न तरह की जानकारी दी गई. उसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले में एक मेडिकल बोर्ड बनाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों से जांच करवाने के निर्देश दिए. इंदौर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस रूसिया ने गर्भपात करवाने की अनुमति दे दी है. साथ ही कोर्ट ने गर्भपात करवाने के आदेश देने के साथ ही यह भी निर्देश दिए हैं कि गर्भपात करवाने के बाद डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा जाए. साथ ही इस केस में आने वाले 4 सप्ताह में एक बार फिर कोर्ट में सुनवाई होगी. फिलहाल प्रारंभिक तौर पर कोर्ट ने एक मेडिकल बोर्ड गठित कर बच्चे के गर्भपात करवाने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल बच्ची का गर्भपात होने के बाद डीएनए के माध्यम से पुलिस बच्ची के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ करेगी. उसके बाद शंका होने पर कुछ लोगों का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा. पुलिस बच्ची के भ्रूण के डीएनए से मैच करवाकर आरोपी तक पहुंचने के प्रयास करेगी.