इंदौर। कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद से ही ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में वृद्धि हुई है. पूर्व में जहां देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कुलपति के नाम से प्रोफेसर व अन्य अधिकारियों के साथ फ्राड किए जाने का मामला सामने आया था, वहीं अब विश्वविद्यालय की फर्जी वेबसाइट बनाकर बच्चों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है, जिसमें बच्चों से ट्रांसक्रिप्ट के नाम पर अवैध तौर पर वसूली की जा रही है.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नाम पर डीएवीवी इंदौर ट्रांसक्रिप्ट डॉट कॉम के नाम से फर्जी वेबसाइट संचालित की जा रही है. वेबसाइट के माध्यम से छात्रों से ट्रांसफर प्रति के लिए 45 रुपए है, लेकिन छात्रों से इसकी मूल प्रति के लिए 4500 और अतिरिक्त प्रति के लिए 700 रुपए वसूले जा रहे हैं.
मामले की सूचना भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन को की गई. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के छात्र नेता विकास नंदवाना ने आरोप लगाया कि फर्जी वेबसाइट के नाम से छात्रों से धोखाधड़ी की जा रही है, जिस पर विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जल्द से जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए.
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ द्वारा की गई शिकायत के बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अनिल शर्मा का कहना है कि इस तरह की वेबसाइट विश्वविद्यालय द्वारा संचालित नहीं की जाती है, जो शिकायत की गई है, उस पूरे मामले में कमेटी बनाकर जांच करने और वैधानिक कार्रवाई करते हुए पुलिस को शिकायत करने की बात कही, हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस वेबसाइट से अब तक कितने छात्रों के साथ ठगी की गई है.