इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में गुरुवार से प्रदेश के इंदौर शहर में मध्य भारत का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर की शुरुआत की गई है. इस सेंटर में 6000 कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी व्यवस्थाएं हैं और पहले चरण में यहां 600 सामान्य कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जा रहा है.
- राधास्वामी सत्संग ब्यास आश्रम में बना है कोविड केयर सेंटर
इदौर में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, जिसके मद्देनजर राज्य सरकार ने यहां बड़े स्तर पर कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर बनवाया है. गुरुवार से शुरु हो रहे इस केयर सेंटर में पहले दिन कोरोना संक्रमित इंदौर समेत आसपास के जिलों के ऐसे मरीजों को भर्ती किया जाएगा जो सामान्य तौर पर अपना इलाज कराने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं, इस सेंटर को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है, "कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मरीजों को पर्याप्त मात्रा में बेड उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार का सहयोग करने अनेक संस्थाएं आगे आ रही हैं. इंदौर में राधास्वामी सत्संग ब्यास आश्रम में मध्य भारत का सबसे बड़ा कोविड केयर सेंटर बनाया गया है."
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- क्या हैं मध्य भारत के सबसे बड़े कोविड केयर सेंटर की विशेषताएं?
- इस कोविड केयर सेंटर की प्रथम चरण में 600 बेड से शुरुआत की गई है.
- इस कोविड केयर सेंटर की क्षमता 6000 कोरोना मरीजों के इलाज की है.
- कोविड केयर सेंटर में 850 लीटर प्रतिमिनट क्षमता के 2 ऑक्सीजन प्लॉट लगे हैं.
- आरआरटी और चिकित्सकों द्वारा अनुशंसित मरीज भेजे जा रहे हैं कोविड केयर सेंटर
- 4 प्रमुख अस्पताल, मेदांता, बॉम्बे हॉस्पिटल,चोइथराम अस्पताल, राज श्री अपोलो के डॉक्टर यहां मरीजों का इलाज करेंगे.
- कलेक्टर ने लिया सेंटर का जायजा
इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह के मुताबिक, सेंटर में माइल्ड लक्षणों वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा, उन्हें आरामदायक उपचार मुहैया कराया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के 60 से ज्यादा डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम यहां मरीजों की देखभाल के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. इसके अलावा सभी निजी अच्छे अस्पतालों के डॉक्टर लगातार मरीजों को देखभाल करेंगे. जिलाधिकारी ने कहा कि इंदौर में यह पहला मौका है जब शहर के अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता 7500 तक बढ़ाने की तैयारी की गई है जिनमें 5500 ऑक्सीजन बेड है, यह संख्या 15100 तक बढ़ाने को कोशिश हो रही हैं. उन्होंने कहा कि पहले की तुलना में ऑक्सीजन की खपत भी 3 गुना बढ़ गई है अस्पतालों में ऑक्सीजन का दुरुपयोग रोकने के लिए ऑडिट की व्यवस्था की गई है, इसके बावजूद इंदौर में प्रतिदिन 95-100 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है फिलहाल 80-85 टन लिक्विड ऑक्सीजन के अलावा शेष ऑक्सीजन एयर ऑपरेशन सिलेंडरों के जरिए प्राप्त की जा रही है.