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नवरात्रि: आल्हा और इंदल से जुड़ा है माता बिजासन का इतिहास, जाने मंदिर से जुड़े खास तथ्य

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Published : Sep 29, 2019, 6:34 PM IST

इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर विराजित है माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश के साथ देश में भी है. प्रदेश का यह पहला मंदिर है जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित हैं.

माता बिजासन मंदिर

इंदौर। एयरपोर्ट रोड पर विराजित माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश व्याप्त है. दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं. बिजासन माता का इतिहास भी काफी पुराना है और मेहर के राजा आल्हा और इंदल से माता बिजासन का अस्तित्व जुड़ा हुआ है और उनसे संबंधित कई कहानियां प्रचलित हैं.

माता बिजासन मंदिर


ऐसी मान्यता है कि माता बिजासन से जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उसकी मन्नत अवश्य पूरी होती है. बिजासन माता के भक्तों के लिए यहां पर कई संगठनों के द्वारा विभिन्न तरह की व्यवस्था भी की जाती है. कोई सामाजिक संगठन माता के भक्तों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था करता है, तो कोई जलपान की व्यवस्था करता है. सभी अपनी भक्ति के अनुसार यहां पर भक्तों के लिए किसी ना किसी तरह की व्यवस्था करते हैं.


बिजासन माता पर नवरात्रि के नौ दिन कई तरह के आयोजन किए जाते हैं, जहां सुबह से नवदुर्गा का पाठ किया जाता है. वहीं 9 दिनों तक माता के नौ रूपों का यहां पर श्रृंगार किया जाता है. वहीं प्रदेश का यह पहला मंदिर है, जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित हैं.

इंदौर। एयरपोर्ट रोड पर विराजित माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश व्याप्त है. दूर-दूर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं. बिजासन माता का इतिहास भी काफी पुराना है और मेहर के राजा आल्हा और इंदल से माता बिजासन का अस्तित्व जुड़ा हुआ है और उनसे संबंधित कई कहानियां प्रचलित हैं.

माता बिजासन मंदिर


ऐसी मान्यता है कि माता बिजासन से जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उसकी मन्नत अवश्य पूरी होती है. बिजासन माता के भक्तों के लिए यहां पर कई संगठनों के द्वारा विभिन्न तरह की व्यवस्था भी की जाती है. कोई सामाजिक संगठन माता के भक्तों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था करता है, तो कोई जलपान की व्यवस्था करता है. सभी अपनी भक्ति के अनुसार यहां पर भक्तों के लिए किसी ना किसी तरह की व्यवस्था करते हैं.


बिजासन माता पर नवरात्रि के नौ दिन कई तरह के आयोजन किए जाते हैं, जहां सुबह से नवदुर्गा का पाठ किया जाता है. वहीं 9 दिनों तक माता के नौ रूपों का यहां पर श्रृंगार किया जाता है. वहीं प्रदेश का यह पहला मंदिर है, जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित हैं.

Intro: एंकर - इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर विराजित है माता बिजासन माता बिजासन की ख्याति पूरे प्रदेश के साथ देश में भी है और दूर-दूर से माता के दर्शन करने के लिए भक्त आते हैं वही बिजासन माता की ख्याति इस तरह की है कि कोई भी भक्त यहां पर मन्नत मांग कर जाता है तो वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता है बिजासन माता का इतिहास भी काफी पुराना है और मेहर के राजा आल्हा और इंदल से माता बिजासन का अस्तित्व जुड़ा हुआ है और उनसे संबंधित कई कहानियां प्रचलित है।


Body:वीओ - माता बिजासन का इतिहास काफी पुराना है और उनसे संबंधित कई लोक कथाएं पूरे प्रदेश के साथ देश में प्रचलित है वही माता बिजासन से जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है तो उसकी मन्नत अवश्य पूरी होती है ऐसी भी मान्यता है कि जिस किसी महिला को बच्चे नहीं होते हैं वह यदि माता बिजासन के दर पर बच्चे के लिए अर्जी लगाती है तो निश्चित तौर पर उसकी गोद साल भर के अंदर भर जाती है मन्नत पूरी होने के बाद माता बिजासन के मंदिर के पीछे एक स्वास्तिक गाय के गोबर से बना दिया जाता है जो प्रतीक होता है मन्नत पूरी होने का वही माता बिजासन की ख्याति इस कदर है कि माता बिजासन के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं और सभी भक्तों का कहना है कि माता रानी से जो भी मन्नत मांगी जाए वह अवश्य पूरी होती है ।

बाईट - प्रतीक मिश्रा , भक्त ,
बाईट - भक्त


वीओ - बिजासन माता के भक्तों के लिए यहां पर कई संगठनों के द्वारा विभिन्न तरह की व्यवस्था भी की जाती है कोई सामाजिक संगठन माता के भक्तों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था करता है तो कोई जलपान की व्यवस्था करता है अतः सभी अपनी भक्ति के अनुसार यहां पर भक्तों के लिए किसी ना किसी तरह की व्यवस्था करते हैं।

बाईट -अश्विन कौशल , समाजिक कार्यकर्ता

वीओ - बिजासन माता पर नौ दिनी कई तरह के आयोजन किए जाते हैं जहां सुबह से नवदुर्गा का पाठ किया जाता है वही 9 दिनों तक माता के नौ रूपों का यहां पर श्रंगार किया जाता है वही प्रदेश का यह पहला मंदिर है जहां पर माता बिजासन अपनी 9 शक्तिपीठों के साथ विराजित है वही बिजासन माता का इतिहास भी काफी पुराना है और बिजासन माता से संबंधित कई लोक कथाएं काफी प्रचलित है ऐसा भी बताया जाता है कि माता बिजासन का इतिहास मैहर के राजा आल्हा और उदल से संबंधित भी है और मैहर के राजा आल्हा और उदल की माता बिजासन से संबंधित कई लोक कथाएं प्रदेश भर में प्रचलित है यदि माता बिजासन की बात की जाए तो इंदौर में माता बिजासन का मंदिर इंदौर के एयरपोर्ट रोड पर एक टेकरी पर विराजित है और यहां पर 9 दिन तक कई तरह के आयोजन और कार्यक्रम किए जाते हैं ।

बाईट -सुरजवन गोस्वामी , पुजारी ,बिजासन मन्दिर, इंदौर




Conclusion:वीओ - इंदौर की माता बिजासन का मंदिर काफी पुराना है और नगर निगम व पुलिस के द्वारा यहां पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था 9 दिनों तक संभाली जाती है वही जिस टेकरी पर यह मंदिर विराजित है उसका भी नगर निगम के द्वारा काफी दिनों से जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है यहां पर एक तालाब भी मौजूद है । भाई भक्तों के बैठने के लिए यहां पर एक गार्डन भी बनाया गया है फिलहाल 9 दिनों तक यहां पर विभिन्न तरह के विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा कई तरह के आयोजन भी किए जाएंगे।
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