होशंगाबाद। एक तरफ सरकार गांव-गांव तक पहुंचने की मुहिम चला रही हैं, लेकिन होशंगाबाद जिले के मोकलबाड़ी गांव में ये सभी वादे फीके नजर आते है. गांव में एक पुल न होने की वजह से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है. जहां थोड़ी सी भी चूक होने पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
जिले की सोहागपुर तहसील के मोकलबाडी गांव में करीब 1000 लोग रहते हैं. जो बारिश के मौसम में शहर पहुंचने के लिए पैदल नदी पार करने को मजबूर हैं. जबकि नदी में लोगों की गर्दन तक पानी बह रहा है. अपनी रोजमर्रा के काम के लिए लोग अपनी जान हथेली पर लेकर नदी पार करते हैं. जबकि प्रशासन ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
गांव के लोगों का कहना है कि हम पिछले कई सालों से नदी पर पुल बनवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहें हैं. लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया. अगर गांव में कोई बीमार हो जाता है तो बहती नदी में से चारपाई पर लिटाकर नदी पार करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यदि नदी का बहाव ज्यादा है तो बहाव कम होने तक इंतजार करते हैं. यही उनकी रोज की जिंदगी है. हैरानी की बात ये है कि गांव की जनसंख्या 1000 से ज्यादा होने के बावजूद सरकार या प्रशासन का ध्यान इस गांव पर नहीं गया.