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होशंगाबाद: जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की मनमानी, लेटलतीफी का खामियाजा भुगत रहे मरीज

होशंगाबाद में जिला अस्पताल में इकलौते रेडियोलॉजिस्ट ड्यूटी पर नहीं पहुंचते, जिसके कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है. वहीं अस्पताल प्रबंधन इस बात को लेकर लापरवाह बना हुआ है.

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Published : Feb 26, 2019, 7:15 PM IST

क्लीनीक

होशंगाबाद। जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की मनमानी का खामियाजा मरीज भुगतने को मजबूर हैं. दरअसल जिला अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट है और वो भी कभी टाइम पर नहीं पहुंचते. बता दें कि जिला अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट डॉ सतीश नेमा हैं, लेकिन लोगों का आरोप है कि वे कभी भी वक्त पर हॉस्पिटल नहीं पहुंचते, जिसके कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

अस्पतला

दरअसल,अस्पताल में रोज करीब 40 से 50 सोनोग्राफी होती है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट सतीशनेमा के ड्यूटी टाइम से देर पहुंचने के कारण मरीज परेशान होते रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन में जांच का समय 8 बजे से 1 बजे तक है, लेकिन डॉक्टर सतीश 10 बजे तक ही आते हैं. हैरानी की बात ये है कि दो घंटे के अंदर जांच कर चले भी जाते हैं. इस वजह से कई मरीजों की जांच भी नहीं हो पाती और उन्हें वापस लौटना पड़ता है.

इधर जब इस बारे में अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सुधीर डहेरिया से बात गई, तो उनका कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है. अब इसी बात से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि उन्होंने जांच में डॉ सतीश नेमा के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.

होशंगाबाद। जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की मनमानी का खामियाजा मरीज भुगतने को मजबूर हैं. दरअसल जिला अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट है और वो भी कभी टाइम पर नहीं पहुंचते. बता दें कि जिला अस्पताल में एक ही रेडियोलॉजिस्ट डॉ सतीश नेमा हैं, लेकिन लोगों का आरोप है कि वे कभी भी वक्त पर हॉस्पिटल नहीं पहुंचते, जिसके कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.

अस्पतला

दरअसल,अस्पताल में रोज करीब 40 से 50 सोनोग्राफी होती है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट सतीशनेमा के ड्यूटी टाइम से देर पहुंचने के कारण मरीज परेशान होते रहते हैं. अस्पताल प्रबंधन में जांच का समय 8 बजे से 1 बजे तक है, लेकिन डॉक्टर सतीश 10 बजे तक ही आते हैं. हैरानी की बात ये है कि दो घंटे के अंदर जांच कर चले भी जाते हैं. इस वजह से कई मरीजों की जांच भी नहीं हो पाती और उन्हें वापस लौटना पड़ता है.

इधर जब इस बारे में अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ सुधीर डहेरिया से बात गई, तो उनका कहना है कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी ही नहीं है. अब इसी बात से अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि उन्होंने जांच में डॉ सतीश नेमा के दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:
जिलेभर मे केवल होशंगाबाद मे ही रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर होने के चलते यही ओर सोनाग्राफी की जाती है ओर रोज करीब 40 से 50 सोनोग्राफी होती है लेकिन एक है पद ओर अकेले डॉक्टर होने के चलते रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर नेमा 2 -2 घंटे देरी से आते है हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा जांच का समय 8 बजे से 1 बजे तक रखा है लकिन डॉक्टर 10 बजे तक ही आते है और 2 घंटे मे जांचकर चले जाते है। ओर मरीजी को सुबहा 8 बजे से 10 बजे तक इंतजार करना होता है और ये कभी कभी नही रोज ही डॉक्टर 2 घंटे देरी से आ रहे है।





Body:जिला हॉस्पिटल मे रोज 45 सोनोग्राफी की जाती है जिसके लिये हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा सुबह 8 बजे से 1 बजे तक समय निर्धारित किया है इस बीच सभी सोनोग्राफी , एक्सरे किये जाते है लेकिन डॉक्टर 10 बजे के बाद ही आते है । इसके लिये कई दिनो तक ईटीवी भारत टीम ने ट्रामा सेंटर के सोनोग्राफी लैब जाकर देखा तो 9 बजे तक डॉक्टर नही आये हुए थे । वही मरीजो को कई घटो बैठना पड़ता है । वही हॉस्पिटल मे इलेक्ट्रॉनिक थम मशीन लगाई है उसके बाद भी डॉक्टर ड्यूटी पर देरी से आ रहे है वही अकेले रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर होने के चलते डॉक्टर की अनुपस्थिति मे मरीजो की जांच नही हो पाती है वही इस बारे मे हॉस्पिटल सिविल सर्जन से बात की गई तो उनका कहना है इस बारे मे जानकारी नही है जाँच कराने की बात कह रहे है ।

बाइट डां सुधीर डेहरिया( सिविल सर्जन)
फ़ोटो ओर वीडियो 3 दिन के लागतार डॉक्टर के बन्द चेम्बर के


Conclusion:
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