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दुर्गा विसर्जन: प्रदूषित होने से बची नर्मदा नदी, इस प्लान पर प्रशासन ने किया काम - नर्मदा नदी की सफाई

होशंगाबाद जिले में प्रशासन की सख्ती के बाद नर्मदा नदी में गंदगी देखने को नहीं मिली, क्योंकि मूर्ति का विसर्जन कुंड में ही कराया गया. इसके साथ ही मूर्ति के अवशेषों को भी तत्काल पानी से बाहर निकाल लिया गया.

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विसर्जन के बाद नर्मदा नदी रही साफ
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Published : Oct 27, 2020, 9:19 PM IST

होशंगाबाद। जिले में नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए लाख कोशिशें की जा रही हैं, जिसका नतीजा यह हुआ कि मूर्ति विसर्जन के बाद नदी पूरी तरह से साफ नजर आई, क्योंकि प्रशासन की सख्ती के चलते सभी मूर्ति कुंड में ही विसर्जित की गई. साथ ही मूर्ति से निकलने वाले अवशेषों को पानी से तुरन्त निकालकर बाहर ले जाया गया.

पढ़े: नर्मदा नदी में डूबने से चार युवकों की मौत, एक साथ किया गया अंतिम संस्कार

जिले में पहली बार हर्बल पार्क के पास स्थित विसर्जन कुंड में देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है. जहां प्रशासन ने विसर्जन के लिए क्रेन का इंतजाम कराया है, ताकि गंदगी ना फैल सकें. इस दौरान मौके पर नायब तहसीलदार ललित सोनी मौजूद रहे.

मूर्ति विसर्जित करने के पुख्ते इंतजाम

प्रशासन ने अन्य घाटों पर भी सख्ती के साथ प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाई थी, जिसके चलते नर्मदा नदी में कम संख्या में प्रतिमाएं विसर्जित हो पाई. वहीं मूर्तियों के साथ आने वाले फूल-माला और पूजन सामग्री के लिए अलग से इंतजाम किए गए. साथ ही विसर्जन कुंड का पानी मोटर पंपों से बदला जा रहा है.

पहली बार हुआ पक्के कुंड का निर्माण

दरअसल, हर बार मूर्ति विसर्जन के बाद नर्मदा नदी में गंदगी देखने को मिलती थी. साथ ही पूजन सामग्री भी कई दिनों तक सड़ती हुई रहती थी, जिसके बाद पहली बार पक्का कुंड का निर्माण किया गया, जहां प्रशासन ने नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए.

होशंगाबाद। जिले में नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए लाख कोशिशें की जा रही हैं, जिसका नतीजा यह हुआ कि मूर्ति विसर्जन के बाद नदी पूरी तरह से साफ नजर आई, क्योंकि प्रशासन की सख्ती के चलते सभी मूर्ति कुंड में ही विसर्जित की गई. साथ ही मूर्ति से निकलने वाले अवशेषों को पानी से तुरन्त निकालकर बाहर ले जाया गया.

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जिले में पहली बार हर्बल पार्क के पास स्थित विसर्जन कुंड में देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा रहा है. जहां प्रशासन ने विसर्जन के लिए क्रेन का इंतजाम कराया है, ताकि गंदगी ना फैल सकें. इस दौरान मौके पर नायब तहसीलदार ललित सोनी मौजूद रहे.

मूर्ति विसर्जित करने के पुख्ते इंतजाम

प्रशासन ने अन्य घाटों पर भी सख्ती के साथ प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक लगाई थी, जिसके चलते नर्मदा नदी में कम संख्या में प्रतिमाएं विसर्जित हो पाई. वहीं मूर्तियों के साथ आने वाले फूल-माला और पूजन सामग्री के लिए अलग से इंतजाम किए गए. साथ ही विसर्जन कुंड का पानी मोटर पंपों से बदला जा रहा है.

पहली बार हुआ पक्के कुंड का निर्माण

दरअसल, हर बार मूर्ति विसर्जन के बाद नर्मदा नदी में गंदगी देखने को मिलती थी. साथ ही पूजन सामग्री भी कई दिनों तक सड़ती हुई रहती थी, जिसके बाद पहली बार पक्का कुंड का निर्माण किया गया, जहां प्रशासन ने नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए.

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