होशंगाबाद। सावन मास में खास तौर पर महिलाओं के लिए विशेष धार्मिक पूजन का अवसर होता है. सनातन हिंदू महिलाएं सावन मास में भगवान शंकर को प्रसन्न करने के हर तरह के जतन करती हैं, ताकि उनके सुहाग की रक्षा भगवान भोलेनाथ द्वारा की जा सके. इसी कड़ी में लक्कड़गंज स्थित दुर्गा नवग्रह मंदिर में सावन मास के अवसर पर पार्थिव ज्योतिर्लिंग निर्माण पूजन और अभिषेक का कार्यक्रम किया जा रहा है.
पार्थिव ज्योतिर्लिंग निर्माणकर्ता एवं मुख्य आचार्य पंडित विनोद दुबे ने 21 जुलाई यानि मंगलवार को भगवान भोलेनाथ के मल्लिकार्जुन ज्योर्तिलिंग का निर्माण किया, जहां पूजा-अर्चना कर अभिषेक कराया गया. इस पावन मौके पर पंडित सत्येन्द्र पांडे और पंडित पीयूष पांडे भी उपस्थित रहे.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दुनिया में अद्भुत है. आंध्र प्रदेश के कुर्नुल जिले में स्थित श्रीशैलम मल्लिकार्जुन का क्षेत्र एक पवित्र स्थान है, जिसकी तलहटी में कृष्णा नदी ने पाताल गंगा का रूप लिया हुआ है.
ऐसा माना जाता है कि प्राचीन काल में इस कदली बिल वन प्रदेश में भगवान शंकर आते थे. इसी स्थान पर उन्होंने दिव्य ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थाई निवास किया था. इस स्थान को कैलाश निवास के नाम से भी जाना जाता है. इस ज्योतिर्लिंग को लेकर नारद और कार्तिकेय की कथा, शंकर और अर्जुन युद्ध, वनवासी राजकन्या, छत्रपति शिवाजी और सेवक राजवंश की कथाएं भी प्रचलित हैं.
प्रमुख आचार्य पंडित विनोद दुबे ने बताया कि भगवान मल्लिकार्जुन के दर्शन करने देश-विदेश से लोग आते हैं. फल की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का पूजन और अभिषेक एक परंपरा बन गई है, जिसके चलते सनातन हिन्दू पूजन और अभिषेक कर इच्छा अनुसार फल पाते है. इस मौके पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष राहुल चौरे ने दूसरे दिन मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के पार्थिव स्वरूप का पूजा-अर्चना कर अभिषेक किया.