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पति की मौत के सदमे में पत्नी ने भी तोड़ा दम, एक साथ निकली दोनों की अर्थी

ग्वालियर में पति की मौत के बाद सदमें में पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. दोनों की अर्थी एक साथ निकाली गई. इस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखे नम हो गईं. व्यापारी कमल किशोर गर्ग की मौत सड़क हादसे में घायल होने के तीन दिन बाद अस्पताल में इलाज के दौरान हुई.

Husband wife's funeral
पति- पत्नी की शव यात्रा
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Published : Nov 6, 2020, 7:35 AM IST

ग्वालियर। कहते हैं पति- पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है, पति- पत्नी के अमर प्रेम का उदाहरण देखने को मिला, ग्वालियर पड़ाव थाना क्षेत्र के गांधी नगर में, जहां पति की मौत के बाद पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए और दोनों की अर्थी एक साथ निकली. इस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं.

कारोबारी कमल किशोर गर्ग 3 दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे. उन्हें गंभीर हालत में एक स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. गांधीनगर स्थित घर पर जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई, तो उनकी पत्नी अंगूरी देवी को अपने पति की अर्थी पर चूड़ियां फोड़ने और पार्थिव देह की परिक्रमा के लिए लाया गया. परिक्रमा के दौरान ही अंगूरी देवी को ऐसा सदमा लगा कि, उनकी वहीं मौत हो गई. ये देख आसपास के लोग सकते में आ गए और आनन फानन में वृद्धा को पास के एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

अंगूरी देवी के पार्थिव शरीर को सीधा घर लाया गया और पति की अर्थी सजने के बाद उनकी भी आर्थी सजाई गई. पहले पति और फिर उसके पीछे पत्नी की शव यात्रा निकाली गई. लक्ष्मी गंज स्थित श्मशान घाट पर दोनों पति- पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. दाल बाजार व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल बंसल बताते हैं कि, गर्ग करीब 6 दशक से दाल बाजार में श्योपुर के कारोबारियों के लिए किराना सामान की दलाली करते थे.

ग्वालियर। कहते हैं पति- पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है, पति- पत्नी के अमर प्रेम का उदाहरण देखने को मिला, ग्वालियर पड़ाव थाना क्षेत्र के गांधी नगर में, जहां पति की मौत के बाद पत्नी ने भी प्राण त्याग दिए और दोनों की अर्थी एक साथ निकली. इस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गईं.

कारोबारी कमल किशोर गर्ग 3 दिन पहले एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए थे. उन्हें गंभीर हालत में एक स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था, गुरुवार की सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. गांधीनगर स्थित घर पर जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू की गई, तो उनकी पत्नी अंगूरी देवी को अपने पति की अर्थी पर चूड़ियां फोड़ने और पार्थिव देह की परिक्रमा के लिए लाया गया. परिक्रमा के दौरान ही अंगूरी देवी को ऐसा सदमा लगा कि, उनकी वहीं मौत हो गई. ये देख आसपास के लोग सकते में आ गए और आनन फानन में वृद्धा को पास के एक निजी नर्सिंग होम ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

अंगूरी देवी के पार्थिव शरीर को सीधा घर लाया गया और पति की अर्थी सजने के बाद उनकी भी आर्थी सजाई गई. पहले पति और फिर उसके पीछे पत्नी की शव यात्रा निकाली गई. लक्ष्मी गंज स्थित श्मशान घाट पर दोनों पति- पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. दाल बाजार व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोकुल बंसल बताते हैं कि, गर्ग करीब 6 दशक से दाल बाजार में श्योपुर के कारोबारियों के लिए किराना सामान की दलाली करते थे.

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