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ग्वालियर में सिंधिया सरकार! केंद्रीय मंत्री की बढ़ती सक्रियता और वर्चस्व से अंचल के नेताओं में मची खलबली - ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस के आरोप

ग्वालियर की राजनीति में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता के चलते अब यहां बिना उनकी मर्जी को कोई भी निर्णय (jyotiraditya scinda in gwalior politcs) नहीं लिये जाते हैं. यहीं कारण है कि अन्य नेताओं का दबदबा कम होता जा रहा है.

Scindia government in Gwalior
ग्वालियर में सिंधिया सरकार
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Published : Jan 3, 2022, 7:58 PM IST

ग्वालियर। भले ही मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार है, लेकिन इस समय ग्वालियर चंबल अंचल की तस्वीर पूरी तरह बदली हुई है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scinda in gwalior politcs) की सक्रियता के चलते अब यहां जिला प्रशासन से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेता भी उनके बिना पूछे कुछ भी काम नहीं कर रहे हैं. अंचल में हर छोटे से लेकर बड़ा निर्णय ज्योतिरादित्य सिंधिया ही ले रहे हैं. इसके साथ ही अंचल के हर छोटे से लेकर बड़े विकास कार्य में भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी होना अनिवार्य है. शहर में छोटे शिलान्यास से लेकर बड़ी शिलान्यास तक सिंधिया का दबदबा कायम है.

ग्वालियर में सिंधिया की राजनीति

सिंधिया के बिना नहीं लिया जाता कोई निर्णय
ग्वालियर चंबल अंचल में हालात यह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scinda gwalior visit) की मौजूदगी के बिना कोई भी छोटे से लेकर बड़ा निर्णय नहीं लिया जा रहा है. यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब सप्ताह में दो से तीन बार ग्वालियर अंचल के दौरे पर रहते हैं. प्रशासनिक अमले में छोटे अधिकारी से लेकर बड़े अधिकारी उनके पीछे 24 घंटे तैनात रहते हैं. जब शहर में किसी विकास कार्य का शिलान्यास या कोई बड़ा निर्णय लिया जाना हो तो उसका निर्णय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक में होता है. सिंधिया की बढ़ती सक्रियता से बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता परेशान नजर आ रहे हैं.

सप्ताह में दो से तीन बार हो रहा केंद्रीय मंत्री का दौरा
जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने हैं, उसके बाद वह ग्वालियर अंचल में लगातार सक्रिय हैं. पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो-तीन महीने में एक बार आया करते थे. वह अब सप्ताह में दो बार अंचल के दौरे पर रहते हैं. सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अब उनके समर्थक मंत्री भी लगातार उनकी परछाई बनकर साथ रहते हैं. जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल के दौरे पर रहते हैं, तो उनके समर्थक मंत्री भी उनकी अगुवाई के लिए पहुंच जाते हैं. इसके साथ ही सिंधिया के पीछे प्रशासनिक अमला भी 24 घंटे तैनात रहता है. अंचल में बीजेपी के नेता और प्रशासन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही अंचल का सर्वोपरि नेता मान रहे हैं.

कांग्रेस का आरोप- बीजेपी नेता लड़ रहे अस्तित्व की लड़ाई
अंचल में सिंधिया की बढ़ती सक्रियता को लेकर कांग्रेस लगातार पलटवार कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इस समय मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया की. सिंधिया की मनमानी के चलते अंचल में बीजेपी के नेताओं के बीच अस्तित्व की लड़ाई छिड़ी है. कांग्रेस (congress allegation on jyotiraditya scindia in gwalior) के आरोपों को लेकर बीजेपी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय क्षेत्र में नई सौगात दिला रहे हैं. अंचल के अन्य बीजेपी के नेता भी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं. कांग्रेस के यह आरोप पूरी तरह निराधार हैं.

ग्वालियर में बन रहा सिंधिया क्षत्रप
सिंधिया की बढ़ती सक्रियता को लेकर हर कोई हैरान है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह सही है कि इस समय स्थानीय प्रशासन सिंधिया के बिना पूछे कुछ काम नहीं कर रहा है. इस समय अंचल की बाकी नेता क्यों पीछे चली गये हैं. यह सोचने वाली और हैरान करने वाली बात है. सिंधिया परिवार ने शुरू से ही ग्वालियर में कई बड़ी विकास कार्य किए हैं. वह लगातार करते रहते हैं. इसको कभी झूठलाया नहीं जा सकता, लेकिन इस समय देखने में आ रहा है कि अंचल की राजनीति में एक बार फिर सिंधिया छत्रप बन रहा है. यह बाकी नेताओं के लिए चिंता का विषय है.

क्या है सिंधिया की सक्रियता का संदेश
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं. हमेशा देखने में आया है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर अंचल में एक या दो महीने में दौरा करते थे. जब से वह केद्रीय मंत्री बने हैं. उसके बाद वह लगातार सप्ताह में दो से तीन बार दौरा कर रहे हैं.

बातों-बातों में मंत्री गोपाल भार्गव ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना, आप भी सुनें

वह ग्वालियर के विकास कार्य में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इससे संकेत साफ हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछली बार सिंधिया को गुना लोकसभा सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. वह अब की बार अपनी सीट बदल सकते हैं.

ग्वालियर। भले ही मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार है, लेकिन इस समय ग्वालियर चंबल अंचल की तस्वीर पूरी तरह बदली हुई है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scinda in gwalior politcs) की सक्रियता के चलते अब यहां जिला प्रशासन से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेता भी उनके बिना पूछे कुछ भी काम नहीं कर रहे हैं. अंचल में हर छोटे से लेकर बड़ा निर्णय ज्योतिरादित्य सिंधिया ही ले रहे हैं. इसके साथ ही अंचल के हर छोटे से लेकर बड़े विकास कार्य में भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी होना अनिवार्य है. शहर में छोटे शिलान्यास से लेकर बड़ी शिलान्यास तक सिंधिया का दबदबा कायम है.

ग्वालियर में सिंधिया की राजनीति

सिंधिया के बिना नहीं लिया जाता कोई निर्णय
ग्वालियर चंबल अंचल में हालात यह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scinda gwalior visit) की मौजूदगी के बिना कोई भी छोटे से लेकर बड़ा निर्णय नहीं लिया जा रहा है. यही वजह है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अब सप्ताह में दो से तीन बार ग्वालियर अंचल के दौरे पर रहते हैं. प्रशासनिक अमले में छोटे अधिकारी से लेकर बड़े अधिकारी उनके पीछे 24 घंटे तैनात रहते हैं. जब शहर में किसी विकास कार्य का शिलान्यास या कोई बड़ा निर्णय लिया जाना हो तो उसका निर्णय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक में होता है. सिंधिया की बढ़ती सक्रियता से बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता परेशान नजर आ रहे हैं.

सप्ताह में दो से तीन बार हो रहा केंद्रीय मंत्री का दौरा
जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री बने हैं, उसके बाद वह ग्वालियर अंचल में लगातार सक्रिय हैं. पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो-तीन महीने में एक बार आया करते थे. वह अब सप्ताह में दो बार अंचल के दौरे पर रहते हैं. सिंधिया के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद अब उनके समर्थक मंत्री भी लगातार उनकी परछाई बनकर साथ रहते हैं. जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अंचल के दौरे पर रहते हैं, तो उनके समर्थक मंत्री भी उनकी अगुवाई के लिए पहुंच जाते हैं. इसके साथ ही सिंधिया के पीछे प्रशासनिक अमला भी 24 घंटे तैनात रहता है. अंचल में बीजेपी के नेता और प्रशासन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ही अंचल का सर्वोपरि नेता मान रहे हैं.

कांग्रेस का आरोप- बीजेपी नेता लड़ रहे अस्तित्व की लड़ाई
अंचल में सिंधिया की बढ़ती सक्रियता को लेकर कांग्रेस लगातार पलटवार कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि इस समय मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है और ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया की. सिंधिया की मनमानी के चलते अंचल में बीजेपी के नेताओं के बीच अस्तित्व की लड़ाई छिड़ी है. कांग्रेस (congress allegation on jyotiraditya scindia in gwalior) के आरोपों को लेकर बीजेपी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय क्षेत्र में नई सौगात दिला रहे हैं. अंचल के अन्य बीजेपी के नेता भी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं. कांग्रेस के यह आरोप पूरी तरह निराधार हैं.

ग्वालियर में बन रहा सिंधिया क्षत्रप
सिंधिया की बढ़ती सक्रियता को लेकर हर कोई हैरान है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह सही है कि इस समय स्थानीय प्रशासन सिंधिया के बिना पूछे कुछ काम नहीं कर रहा है. इस समय अंचल की बाकी नेता क्यों पीछे चली गये हैं. यह सोचने वाली और हैरान करने वाली बात है. सिंधिया परिवार ने शुरू से ही ग्वालियर में कई बड़ी विकास कार्य किए हैं. वह लगातार करते रहते हैं. इसको कभी झूठलाया नहीं जा सकता, लेकिन इस समय देखने में आ रहा है कि अंचल की राजनीति में एक बार फिर सिंधिया छत्रप बन रहा है. यह बाकी नेताओं के लिए चिंता का विषय है.

क्या है सिंधिया की सक्रियता का संदेश
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है, जब केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं. हमेशा देखने में आया है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर अंचल में एक या दो महीने में दौरा करते थे. जब से वह केद्रीय मंत्री बने हैं. उसके बाद वह लगातार सप्ताह में दो से तीन बार दौरा कर रहे हैं.

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वह ग्वालियर के विकास कार्य में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इससे संकेत साफ हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया आगामी ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. पिछली बार सिंधिया को गुना लोकसभा सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा था. वह अब की बार अपनी सीट बदल सकते हैं.

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