ग्वालियर। मध्य प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पेंशनर्स ने अपनी मांगों के लेकर प्रदेश भर में आंदोलन की शुरुआत की है. यह आंदोलन 9 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है जो चरणबद्ध होगा. इसी कड़ी में सोमवार को आंदोलन का पहला दिन रहा. पहले दिन काली पट्टी बांधकर सभी ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि "अगर मांगे नहीं मानी तो क्रमिक भूख हड़ताल तक आंदोलन किया जाएगा."
शिक्षक कर्मचारियों की मांग हो पूरी: मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय पेंशनर्स, कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक संयुक्त संघर्ष समिति के आव्हान पर सोमवार से 9 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. जीवाजी विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम किया. यह सभी एक स्थान पर एकजुट हुए और उसके बाद उन्होंने अपनी मांगों को मनवाने के लिए प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे क्रमबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. संयुक्त मोर्चा की प्रमुख मांग यह है कि राज्य शासन के कर्मचारियों के समान सातवें वेतनमान से पेंशन और डीए का भुगतान किया जाए. 2007 के बाद कार्यरत स्थायी कर्मचारियों को तत्काल वेतन भुगतान, स्थायी कर्मचारियों को तत्काल नियमित और कुलसचिव पद पर विश्वविद्यालय सेवा के अधिकारियों को पदोन्नत कर नियुक्ति प्रदान की जाए. साथ ही समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार मेडिक्लेम पॉलिसी विश्वविद्यालयों में तत्काल लागू की जाए.
लगातार बढ़ेगा बहिष्कार का समय: सोमवार को सभी अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे. वहीं 16 मई को दोपहर 12 बजे तक काम का बहिष्कार किया जाएगा. 17 से 25 मई तक कार्यालयीन समय में 1-1 घंटा बढ़ते क्रम में काम का बहिष्कार करेंगे. 26 मई को सभी अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक 5 घंटे अपना काम बंद रखेंगे. 29 मई से 1 जून तक अधिकारी, कर्मचारी और शिक्षक शाम 4 बजे तक काम नहीं करेंगे और कलेक्टर को ज्ञापन देंगे. इसके बाद अगर 2 जून तक मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे अनिश्चितकालीन कार्य से बहिष्कार कर क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे.