ग्वालियर। शहर के LNIPE में यह प्रतियोगिता 5 फरवरी तक चलेगी, जबकि कंपू स्थित खेल परिसर में हॉकी और बैडमिंटन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. दक्षिण भारत के प्रसिद्ध खेल कलारिपट्टू का आयोजन जिमनास्टिक प्रतियोगिता के बाद शुरू किया जाएगा (Gymnastics competition in Gwalior). इसके लिए करीब 11 सौ खिलाड़ियों और उनके खेल अधिकारियों का दल ग्वालियर पहुंच चुका है. मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों को विभिन्न खेलों की मेजबानी मिली है. ग्वालियर को बैडमिंटन हॉकी कलारिपट्टू और जिमनास्टिक की मेजबानी मिली है.
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MP को जिमनास्टिक में मेडल मिलने की संभावना: LNIPE में कुलपति और नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल की मौजूदगी में जिमनास्टिक की शुरुआत की गई. खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत जहां कंपू स्थित खेल परिसर में बैडमिंटन के विभिन्न मैच हुए, वहीं LNIPE में जिमनास्टिक के देश भर से आए खिलाड़ियों ने अपना प्रदर्शन किया. ग्वालियर में जिला खेल अधिकारी ने बताया कि बैडमिंटन में मध्यप्रदेश के सात पुरुष और बारह महिला खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, खेल अधिकारी ने उम्मीद जताई है कि मध्य प्रदेश को जिमनास्टिक में मेडल मिलने की काफी संभावना है.
खिलाड़ियों को मिलेगा कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में जाने का मौका: जिला खेल परिसर में आयोजित हो रहे बैडमिंटन के मैचों के बीच नगर निगम कमिश्नर किशोर कान्याल भी पहुंचे. उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं को देखा और खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन भी किया. उन्होंने कहा कि खेलों का जो प्रदर्शन यहां किया जा रहा है वह राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के तहत है. यहां खेलों का प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आने वाले समय में एशिया कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में भी भाग लेने का मौका मिलेगा.
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मंडला में अव्यवस्थाओं का अंबार, कैसे खेलेंगे खिलाड़ी: खेलो इंडिया गेम्स के तहत मंडला जिले को दो गेम्स की मेजबानी मिली है, खेलों की शुरुआत इनडोर स्टेडियम में होने जा रही है, जिसकी व्यवस्थाओं के लिए सरकार खेल विभाग को भरपूर पैसा दिया है लेकिन जिला खेल अधिकारी सहित जिम्मेदार अधिकारी, खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं कर पाए हैं. जिसके चलते गेम्स ऑफ इंडिया के जरनल सेकेट्री बलजिंदर सिंह ने नाराजगी जाहिर की. वहीं जिला खेल अधिकारी रवींद्र ठाकुर ने कहा ''देखिए इवेट बड़ा है और यह एक रिमोट एरिया है थोड़ी बहुत दिक्कतें आ रही हैं, जिसके बारे में मैने डीएसओ और प्रशासनिक अधिकारियों को बता दिया शाम तक ठीक हो जाएगीं''. अब सवाल यह उठता है कि जिन गेम्स और जिन खिलाड़ियों के लिए सरकार इतने पैसे खर्च कर रही है और उन्ही खिलाड़ियों को जिला खेल अधिकारी या अन्य जिम्मेदार अधिकारी व्यवस्था नहीं करा पा रहें तो ऐसी स्थिति में खिलाडी कैसे खेल पाएंगे.