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जीवाजी विश्वविद्यालय ने 100 के बदले 80 नंबर मानकर कराया मूल्यांकन, कई छात्र फेल

जीवाजी विश्वविद्यालय के एलएलएम की सेमेस्टर परीक्षा में 16 जनवरी को ड्रग एडिक्शन क्रिमिनल जस्टिस एंड ह्यूमन राइट विषय का 100 नंबर का पेपर संपन्न हुई था, लेकिन मूल्यांकन के दौरान 80 नंबर का पूर्णांक मानकर कॉपियां चेक की गई, जिसके नतीजे आने पर कई छात्र फेल हो गए, जबकि कई छात्रों के उम्मीद से कम नंबर आए.

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जीवाजी विश्वविद्यालय
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Published : Jun 23, 2020, 6:59 PM IST

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के एलएलएम की सेमेस्टर परीक्षा जनवरी में संपन्न हुई थी, जिसमें छात्रों के साथ बड़ा खिलवाड़ किया गया है. 16 जनवरी को ड्रग एडिक्शन क्रिमिनल जस्टिस एंड ह्यूमन राइट विषय का 100 नंबर का पेपर था, लेकिन मूल्यांकन के दौरान 80 नंबर का पूर्णांक मानकर कॉपियां चेक की गई, जिसके नतीजे आने पर कई छात्र फेल हो गए, जबकि कई छात्रों के उम्मीद से कम नंबर आए.

छात्रों ने जब रिवैल्युएशन के लिए आवेदन किया तब उन्हें इस गड़बड़ी का पता चला. इस पर छात्रों ने कार्यपरिषद सदस्यों, परीक्षा सेल और गोपनीय विभाग से संपर्क किया है. हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय ने इस गलती को स्वीकार किया और दोबारा रिजल्ट घोषित किया है. दोबारा जारी किए गए रिजल्ट में छात्रों के नंबर पांच से सात तक ही बढे़ हैं.

एलएलएम की परीक्षा में ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा अन्य जिलों के सैकड़ों परीक्षार्थी बैठे थे, जिन्हें इसकी चिंता सती रही है, वहीं जिस तरह से पहले और दूसरे सेमेस्टर के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा की है तो उसमें छात्रों को नंबर के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा. ऐसे में कम नंबर पाने वाले छात्र नुकसान उठा सकते हैं, जिसको लेकर छात्र चिंतित हैं.

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय के एलएलएम की सेमेस्टर परीक्षा जनवरी में संपन्न हुई थी, जिसमें छात्रों के साथ बड़ा खिलवाड़ किया गया है. 16 जनवरी को ड्रग एडिक्शन क्रिमिनल जस्टिस एंड ह्यूमन राइट विषय का 100 नंबर का पेपर था, लेकिन मूल्यांकन के दौरान 80 नंबर का पूर्णांक मानकर कॉपियां चेक की गई, जिसके नतीजे आने पर कई छात्र फेल हो गए, जबकि कई छात्रों के उम्मीद से कम नंबर आए.

छात्रों ने जब रिवैल्युएशन के लिए आवेदन किया तब उन्हें इस गड़बड़ी का पता चला. इस पर छात्रों ने कार्यपरिषद सदस्यों, परीक्षा सेल और गोपनीय विभाग से संपर्क किया है. हस्तक्षेप के बाद विश्वविद्यालय ने इस गलती को स्वीकार किया और दोबारा रिजल्ट घोषित किया है. दोबारा जारी किए गए रिजल्ट में छात्रों के नंबर पांच से सात तक ही बढे़ हैं.

एलएलएम की परीक्षा में ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा अन्य जिलों के सैकड़ों परीक्षार्थी बैठे थे, जिन्हें इसकी चिंता सती रही है, वहीं जिस तरह से पहले और दूसरे सेमेस्टर के छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा की है तो उसमें छात्रों को नंबर के आधार पर ही अगली कक्षा में भेजा जाएगा. ऐसे में कम नंबर पाने वाले छात्र नुकसान उठा सकते हैं, जिसको लेकर छात्र चिंतित हैं.

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