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गुलाबगंज में लापता हुई बेटी ने घर जाने से किया इंकार, HC ने नारी निकेतन भेजा - नाबालिग को नारी निकेतन भेजने के आदेश

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पिछले एक साल से गायब रही नाबालिग लड़की को भोपाल या विदिशा के नारी निकेतन में भेजने के आदेश दिए हैं, क्योंकि नाबालिग अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती है. पढ़िए पूरी खबर..

HC ordered to sent minor girl to Nari Niketan
नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेजने के आदेश
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Published : Nov 5, 2020, 10:44 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 10:59 PM IST

ग्वालियर। विदिशा जिले के गुलाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी परिवार की 16 साल की लड़की घरवालों से नाराज होकर एक साल पहले घर छोड़कर चली गई थी, जो विदिशा से ट्रेन पकड़कर भोपाल पहुंची थी और फिर ट्रेन बदलकर आंध्र प्रदेश जाने वाली गाड़ी में सवार हो गई थी, जिससे वह गोदावरी जिले के काकीनाडा कस्बे में पहुंच गई थी.

पिता ने खटखटाया था HC का दरवाजा

काकीनाडा कस्बे में उसे एक दिव्यांग महिला मिली थी, जो मछली बेचने का काम करती थी. इधर लड़की के पिता ने गुलाबगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद जब पुलिस नाबालिग को ढूंढने में असफल रही तो पीड़ित पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.

नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेजने के आदेश

पढ़े: गुमशुदा रेसलर बेटी की मां केरोसिन लेकर पहुंची कंट्रोल रूम, दिल्ली में मिली नाबालिग

माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती नाबालिग

इस मामले में हाईकोर्ट ने कई बार विदिशा पुलिस को नाबालिग की तलाश कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस लगातार लापरवाही बरत रही थी, जिसके बाद कोर्ट की सख्ती दिखाने पर एक सप्ताह में आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा कस्बे से लड़की को बरामद कर हाईकोर्ट के सामने पेश किया गया.

हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

इन सबके बाद भी लड़की अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती है. इसलिए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नाबालिग को विदिशा या भोपाल में संचालित नारी निकेतन में रखने के आदेश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा है कि अगर बाद में वह अपनी इच्छा से माता-पिता के पास रहना चाहती है, तो उसे पूरी सुरक्षा के साथ सुपुर्द किया जाए.

ग्वालियर। विदिशा जिले के गुलाबगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी परिवार की 16 साल की लड़की घरवालों से नाराज होकर एक साल पहले घर छोड़कर चली गई थी, जो विदिशा से ट्रेन पकड़कर भोपाल पहुंची थी और फिर ट्रेन बदलकर आंध्र प्रदेश जाने वाली गाड़ी में सवार हो गई थी, जिससे वह गोदावरी जिले के काकीनाडा कस्बे में पहुंच गई थी.

पिता ने खटखटाया था HC का दरवाजा

काकीनाडा कस्बे में उसे एक दिव्यांग महिला मिली थी, जो मछली बेचने का काम करती थी. इधर लड़की के पिता ने गुलाबगंज थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था. इसके बाद जब पुलिस नाबालिग को ढूंढने में असफल रही तो पीड़ित पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्होंने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.

नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेजने के आदेश

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माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहती नाबालिग

इस मामले में हाईकोर्ट ने कई बार विदिशा पुलिस को नाबालिग की तलाश कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस लगातार लापरवाही बरत रही थी, जिसके बाद कोर्ट की सख्ती दिखाने पर एक सप्ताह में आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा कस्बे से लड़की को बरामद कर हाईकोर्ट के सामने पेश किया गया.

हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश

इन सबके बाद भी लड़की अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती है. इसलिए हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नाबालिग को विदिशा या भोपाल में संचालित नारी निकेतन में रखने के आदेश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा है कि अगर बाद में वह अपनी इच्छा से माता-पिता के पास रहना चाहती है, तो उसे पूरी सुरक्षा के साथ सुपुर्द किया जाए.

Last Updated : Nov 5, 2020, 10:59 PM IST
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