ग्वालियर। भारत का इतिहास यूं तो अनगिनत प्रेम कहानियों से भरा पड़ा है. लेकिन इतिहास के पन्नों को जब हम पलट कर देते हैं तो ग्वालियर के किले पर स्थित गुजरी महल से भी प्रेम की एक अनूठी दास्तां सामने आती है. जो अपने आप में अद्भुत है अनोखी है और जिसे बार-बार याद करने का मन करता है. ग्वालियर किले पर स्थित यह गुजरी महल राजा मानसिंह और मृगनयनी के प्यार की बड़ी निशानी है. जिसे राजा मान सिंह ने अपनी गुजरी रानी मृगनयनी के लिए बनवाया था. इस महल के जर्रे-जर्रे में वसी यह खूबसूरती इस बात की गवाह है कि राजा मानसिंह अपनी गुजरी रानी मृगनयनी से कितना प्यार करते थे.
मानसिंह-मृगनयनी: सन् 1486 में तोमर वंश के राजा मानसिंह ग्वालियर के शासक बने. एक दिन राजा मानसिंह और मृगनयनी की प्यार की कहानी ग्वालियर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर राई गांव से शुरू होती है. जहां मृगनयनी की बहादुरी देखकर राजा मानसिंह अपना दिल दे बैठे. मृगनयनी इतनी खूबसूरत थी यह कहते हैं कि राजा मानसिंह ने सिर्फ उन्हें एक नजर देखा तो उन्हें देखते ही रह गये. यही कारण है कि इतिहास के पन्नों में आज भी राजा मान सिंह और उनकी प्रेम गाथा अमर हो चुकी है और इसका प्रतीक ग्वालियर किले की तलहटी पर बना गूजरी महल है जो राजा मानसिंह ने अपनी प्रेमिका लगने के लिए अलग से अद्भुत महल बनवाया.
मृगनयनी की 3 शर्तें: राजा मानसिंह जब वहां से गुजर रहे थे तो गुजरी रानी मृगनयनी एक जंगली भैंसे से एक बच्चे को बचाने के लिए लड़ गई. राजा मानसिंह ने मृगनयनी की बहादुरी को देख कर उससे शादी का प्रस्ताव रख दिया. जिसे मृगनयनी नहीं स्वीकार तो कर लिया लेकिन राजा मानसिंह के सामने उसने 3 शर्ते रख डाली. मृगनयनी के प्यार में दीवाने हो चुके राजा मानसिंह ने उनकी तीनों शर्तों को मान लिया. राजा मानसिंह ने मृगनयनी को पाने के लिए वह काम कर दिखाया जिसे देख कर आज भी लोग आश्चर्य में पड़ जाते हैं. राजा मानसिंह ने पहले रानी मृगनयनी के लिए किले लिए पर स्थित एक महल बनवाया और उसके बाद मृगनयनी की 3 अनोखी शर्तो को पूरा किया.
ये थी 3 शर्तें: गूजरी महल को लेकर एक प्रचलित किवदंति जुड़ी है. इतिहासकार और पुरातत्व के रिटायर्ड अधिकारी लाल बहादुर सिंह ने बताया कि कहा जाता है कि एक बार ग्वालियर के राजा मान सिंह तोमर शिकार के लिए निकले थे. शिकार के दौरान उन्होंने गूजरी मृगनयनी को 2 भैंसों के साथ युद्ध करते देखा. देखने में बेहद खूबसूरत गूजरी के इस बल कौशल को देखकर राजा मान सिंह तोमर उसके कायल हो गए और गूजरी के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया लेकिन, गूजरी ने राजा के प्रस्ताव को मानने से पहले उनके सामने 3 शर्तें रखीं. पहली ग्वालियर किले में गूजरी के रहने के लिए अलग से महल बनवाया जाए. गूजरी के पीने के लिए उसके गांव राई से सांक नदी का पानी महल में लाया जाए और तीसरा वह राजा हर युद्ध में साथ जाएगी.
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इसलिए वैलेंटाइन डे पर आते हैं लोग: राजा मान सिंह तोमर ने गूजरी के प्रति अपने प्यार का सम्मान करते हुए तीनों शर्तों पर हामी भर दी. ग्वालियर किले में अलग से महल बनवाया गया जिसे गूजरी महल कहा गया. राई गांव से गूजरी महल तक 16 मील लंबी मिट्टी की पाइप लाइन बिछाकर सांक नदी का पानी लाया गया और गूजरी हमेशा राजा मान सिंह तोमर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रहीं. यही वजह है कि वैलेंटाइन डे के मौके पर इसी तरह अमर प्रेम कहानी के रूप में जाना जाता है और इस मौके पर आज देश के हर कोने से लोग राजा मानसिंह और मृगनयनी की कहानी को जानने के लिए आते हैं.