ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के कारण 30 अप्रैल तक जारी कर्फ्यू में रोजमर्रा इस्तेमाल में काम आने वाली वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं. खाद्य तेलों ने रिकॉर्ड वृद्धि हासिल कर ली है. वहीं दलहन ने भी ऊंचाई की राह पकड़ ली है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब मजदूर और निम्न मध्यम वर्गीय लोगों को हो रही है. उनके काम धंधे पूरी तरह से चौपट हो गए हैं. मजदूरी मिल नहीं रही है और महंगाई के कारण वह बाजार से सामान खरीदने में भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.
महंगाई ने तोड़ी कमर
पेट्रोलियम पदार्थों खाद्य तेलों और रोजाना इस्तेमाल की चीजों के दामों में सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. यही कारण है कि पेट्रोल अपने रिकॉर्ड स्तर 100 रुपये के पार पहुंच गया है. डीजल 90 रुपये के आसपास पिछले एक महीने से चल रहा है. पेट्रोलियम पदार्थों में रिकॉर्ड वृद्धि का असर सभी और पड़ा है. इससे खाद्य पदार्थ तेलों सहित जनरल आइटम के दाम बेतहाशा बढ़ गए हैं. कहने को यह सीजन शादियों का है लेकिन जिन गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों में शादियां हैं. वह शादी का सामान भी नहीं जुटा पा रहे हैं. महंगाई ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा है.
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ग्वालियर के नाका चंद्रबदनी क्षेत्र में रहने वाले केदार जाटव एवं मीराबाई के परिवारों में शादियां हैं. मजदूरी करके अपना भरण-पोषण करने वाले इन लोगों को 15 दिनों से कोई काम ही करने को नहीं मिला है. बाजार में महंगाई के कारण रोजमर्रा की चीजें इनकी पकड़ से बाहर हो गई हैं. ऐसे में उन्हें कोई सरकारी मदद भी नहीं मिल रही है. गरीबों की जहां अपनी परेशानियां हैं. वही थोक कारोबारी मानते हैं कि तेजी सरकार के स्तर से ही हो रही है. इसमें कैरिज दुकानदार कुछ नहीं कर सकता है. हालांकि ट्रकों की आवाजाही जारी है और किसी भी खाद्य पदार्थ की कमी नहीं है लेकिन महंगाई के कारण लोग बाजार में जाने से बच रहे हैं.