ग्वालियर। शहर के सिरोल थाना क्षेत्र के जाटव मोहल्ला में स्थित एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से एक बुजुर्ग की जान पर बन आई. दरअसल झोलाछाप डॉक्टर की गलती से बुजुर्ग ने पानी की जगह तेजाब पी लिया, इसके बाद बुजुर्ग की हालत खराब हो गई. इतना ही नहीं जब झोलाछाप डॉक्टर ने खुद को फंसते देखा तो उसने मरीज को बहला-फुसलाकर दूसरे अस्पताल में भर्ती करा दिया और इलाज के पूरे पैसे भरने की बात कही, लेकिन बाद में झोलाछाप डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए, जिसके बाद अब मरीज पक्ष ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.
क्या है मामला: बुजुर्ग देवीराम जाटव का कहना है कि "1 अप्रैल को मेरी बुखार आने से तबीयत गड़बड़ थी, मैं अपनी पत्नी राजकुमारी के साथ मोहल्ले के ही डॉक्टर जितेंद्र जाटव के क्लीनिक पर पहुंचा. डॉ जितेंद्र जाटव खुद को आरएमपी डॉक्टर बताता है, लेकिन उसकी दुकान पर कोई भी बोर्ड नहीं लगा है. उसने मुझसे बीमारी के लक्षण पूछे और फिर मुझे एक दवा खाने के लिए दे दी. डॉक्टर ने मुझसे कहा कि जो सामने पानी की बोतल रखी है, उससे यह दवाई खा लो. मैंने उससे दवाई खा ली. जैसे ही मैंने दवाई गटकी मुझे श्वास की नली से पेट तक भयंकर जलन होने लगी. इसके बाद मुझे उल्टी होने लगी और मेरी हालत बिगड़ने लगी. यह देख मेरी पत्नी राजकुमारी ने हमारे बेटे को फोन किया, फिर बेटा क्लीनिक पर पहुंचा और मुझे लेकर मुरार जिला अस्पताल पहुंचा. मेरी हालत गंभीर थी, इसके चलते मुझे जयारोग्य चिकित्सालय में रेफर कर दिया गया."
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झोलाछाप डॉक्टर पर मुकदमा दर्ज: बुजुर्ग देवीराम जाटव ने बताया कि "जयारोग्य चिकित्सालय में जांच में पता चला कि मैंने तेजाब पी लिया था. इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर ने जयारोग्य अस्पताल पहुंचकर जबरन मुझे अस्पताल से डिस्चार्ज करवा लिया और मुझे गोला के मंदिर के पास सिटी लाइफ हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया. वह मेरे परिवार के लोगों को झांसा देता रहा कि वह मेरे पूरे इलाज का खर्चा उठाएगा, क्योंकि उसकी गलती से मेरी हालत बिगड़ी है. लेकिन बाद में झोलाछाप डॉक्टर ने अपने हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद अब मेरे बेटे ने झोलाछाप डॉक्टर जितेंद्र जाटव के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है, फिलहाल आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है."