ग्वालियर। ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मध्य प्रदेश सरकार में दो मंत्रियों के विरुद्ध दायर परिवाद मामले में सोमवार को इंदरगंज पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट पेश नहीं की. जिसका परिवादी ने विरोध किया. उनका कहना था कि 8 मई को न्यायालय ने एक सप्ताह का समय दिया था. पुलिस इस मामले में आसानी से अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश कर सकती थी लेकिन अभी तक रिपोर्ट पेश नहीं की. उल्टे शाम के वक्त न्यायालय से कुछ और समय मांगा.
22 मई को फिर होगी सुनवाई : ग्वालियर जिला न्यायालय ने पुलिस को अंतिम अवसर देते हुए स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय फिर दिया है. अब 22 मई को इस मामले में सुनवाई होगी. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कांग्रेस की लीगल सेल से जुड़े अधिवक्ता नितिन शर्मा ने ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय में एक परिवाद दायर किया था. अधिवक्ता नितिन शर्मा ने दायर परिवाद के बारे में बताया है कि उन्होंने अखबारों के माध्यम से पढ़ा था कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के मंत्री तुलसीराम सिलावट व महेंद्र सिंह सिसौदिया ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का जन्म पाकिस्तान में होना चाहिए को लेकर ख़बरें पढ़ी थी.
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पुलिस को दिए कोर्ट ने निर्देश : अधिवक्ता नितिन शर्मा का कहना है कि इससे उनकी भावनाएं आहत हुईं. इसी के बाद उन्होंने सबसे पहले इंदरगंज थाना पुलिस को शिकायती आवेदन दिया. शिकायती आवेदन पर पुलिस की कार्रवाई नहीं होने के बाद उन्होंने न्यायालय की शरण ली. ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय में संबंधित पक्षों के विरुद्ध मानहानि का केस दर्ज करने की मांग करते हुए परिवाद दायर किया गया. सोमवार को इसी मामले की पहली सुनवाई हुई. कोर्ट ने परिवादी की बहस सुनने के बाद थाना इंदरगंज को आगामी एक सप्ताह में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए.