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फायर अमला तैयार कर रहा एनओसी की प्रक्रिया का प्लान, आग की घटनाओं पर लगेगा विराम

ग्वालियर में फायर अमला फायर एनओसी और उसके रिनुअल की प्रक्रिया को लेकर प्लान तैयार कर रहा है. जिसमें सभी संस्थानों से फायर एनओसी और उनके रिनुअल की जानकारी को एकत्र किया जाएगा.

Gwalior Fire staff preparing NOC process plan
फायर अमला तैयार कर रहा एनओसी की प्रक्रिया का प्लान
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Published : Apr 29, 2020, 11:21 AM IST

ग्वालियर। ग्वालियर में पिछले दिनों एमके एलेक्जर हाईराइज मल्टी में लगी आग के बाद सेफ्टी मेजर को पूरा करने के लिए आवश्यक फायर उपकरण बेकार अवस्था में पाए गए थे. जिसके चलते आग ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया था. जिसके ग्वालियर के फायर अमले को जानकारी मिली कि शहर में रहवासी बिल्डिंग, संस्थान, बड़े हॉस्पिटल द्वारा फायर एनओसी और उसके रिनुअल की प्रक्रिया को नहीं किया जाता है. जिसके चलते जब आगजनी जैसी घटना होती है तो उस दौरान पर्याप्त संसाधन के अभाव में फायर अमले को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

फायर अमला तैयार कर रहा एनओसी की प्रक्रिया का प्लान

ग्वालियर का फायर अमला प्रशासन से इस समस्या को लेकर प्लान तैयार कर रहा है. क्योंकि फायर एनओसी की पूरी प्रक्रिया भोपाल से संचालित की जाती है, ऐसे में नई एनओसी और रिनुअल का डाटा लोकल बॉडी के पास नहीं होता, जिसके चलते काफी दिक्कतें आती है. ऐसे में प्रशासन से चर्चा के बाद स्थानीय स्तर पर ऐसे सभी संस्थानों से फायर एनओसी और उनके रिनुअल की जानकारी एकत्र करने की तैयारी की जा रही है. ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने और घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए राहत मिल सकें.

फायर ऑफिसर उमंग प्रधान का कहना है कि यदि स्थानीय स्तर पर फायर एनओसी और उसके रिनुअल की प्रक्रिया होती तो हर साल होने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन के साथ आसानी से इस प्रक्रिया से बचने वाले लोगों का खुलासा हो सकता था. जिसके बाद जुर्माने से लेकर लोगों के जीवन को राहत प्रदान करने तक की प्रक्रिया आसान हो सकती है. लिहाजा इसको लेकर स्थानीय प्रशासन से बातचीत के बाद आगे उम्मीद जताई जा रही है कि यदि स्थानीय स्तर पर ऐसे संस्थानों के फायर एनओसी और रिनुअल के डाटा कलेक्शन के साथ फिजिकल वेरीफिकेशन की अनुमति मिलती है तो काफी हद तक राहत मिलेगी.

ग्वालियर। ग्वालियर में पिछले दिनों एमके एलेक्जर हाईराइज मल्टी में लगी आग के बाद सेफ्टी मेजर को पूरा करने के लिए आवश्यक फायर उपकरण बेकार अवस्था में पाए गए थे. जिसके चलते आग ने धीरे-धीरे विकराल रूप ले लिया था. जिसके ग्वालियर के फायर अमले को जानकारी मिली कि शहर में रहवासी बिल्डिंग, संस्थान, बड़े हॉस्पिटल द्वारा फायर एनओसी और उसके रिनुअल की प्रक्रिया को नहीं किया जाता है. जिसके चलते जब आगजनी जैसी घटना होती है तो उस दौरान पर्याप्त संसाधन के अभाव में फायर अमले को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

फायर अमला तैयार कर रहा एनओसी की प्रक्रिया का प्लान

ग्वालियर का फायर अमला प्रशासन से इस समस्या को लेकर प्लान तैयार कर रहा है. क्योंकि फायर एनओसी की पूरी प्रक्रिया भोपाल से संचालित की जाती है, ऐसे में नई एनओसी और रिनुअल का डाटा लोकल बॉडी के पास नहीं होता, जिसके चलते काफी दिक्कतें आती है. ऐसे में प्रशासन से चर्चा के बाद स्थानीय स्तर पर ऐसे सभी संस्थानों से फायर एनओसी और उनके रिनुअल की जानकारी एकत्र करने की तैयारी की जा रही है. ताकि ऐसी घटनाओं को रोकने और घटनाओं पर तत्काल काबू पाने के लिए राहत मिल सकें.

फायर ऑफिसर उमंग प्रधान का कहना है कि यदि स्थानीय स्तर पर फायर एनओसी और उसके रिनुअल की प्रक्रिया होती तो हर साल होने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन के साथ आसानी से इस प्रक्रिया से बचने वाले लोगों का खुलासा हो सकता था. जिसके बाद जुर्माने से लेकर लोगों के जीवन को राहत प्रदान करने तक की प्रक्रिया आसान हो सकती है. लिहाजा इसको लेकर स्थानीय प्रशासन से बातचीत के बाद आगे उम्मीद जताई जा रही है कि यदि स्थानीय स्तर पर ऐसे संस्थानों के फायर एनओसी और रिनुअल के डाटा कलेक्शन के साथ फिजिकल वेरीफिकेशन की अनुमति मिलती है तो काफी हद तक राहत मिलेगी.

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