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फौती नामांतरण के लिए पटवारी ने मांगी थी रिश्वत, कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा

कोर्ट ने 5000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को दोषी पाते हुए उसे 4 साल की सजा से दंडित किया है.

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Published : Mar 24, 2021, 7:10 PM IST

ग्वालियर। जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार विरोधी कोर्ट ने 5000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को दोषी पाते हुए उसे 4 साल की सजा से दंडित किया है. कोर्ट ने 10,000 रुपए का अर्थदंड लगाया है. दरअसल जिले के भितरवार तहसील के ग्राम सिंघारन में रहने वाले ग्रामीण अर्जुन कुशवाहा के पिता की मौत 2012 में हो गई थी, उनके नाम की कृषि भूमि को फौती नामांतरण के लिए उसने तहसीलदार भितरवार के कार्यालय में आवेदन पेश किया था. जिस पर तहसीलदार ने संबंधित पटवारी अनिल शर्मा को आवेदन पर कार्रवाई के लिए आदेश दिया था.

कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा

इस संबंध में अर्जुन सिंह ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा ने 30,000 रुपए की रिश्वत फौती नामांतरण करने के एवज में अपनी टीप के लिए मांगी थी. इसकी शिकायत अर्जुन सिंह ने 23 जनवरी 2018 को मोतीमहल स्थित एसपी लोकायुक्त के कार्यालय में की थी. रिश्वत मांगने के सत्यापन के लिए वॉइस रिकॉर्डर भी अर्जुन कुशवाहा को दिया गया था, जिसकी रिकॉर्डिंग भी अर्जुन ने लोकायत पुलिस को सौंपी थी.

तयशुदा कार्रवाई के लिए 29 जनवरी 2018 को भितरवार तहसील कार्यालय में पटवारी को ट्रैप करना तय किया गया. 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उस समय वह 30000 में से 5000 रुपए की रिश्वत बतौर पेशगी ले रहा था. सादा कपड़ों में तैनात लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया. मामले के विचारण के बाद विशेष न्यायाधीश रामजी गुप्ता ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को 4 साल की सश्रम कारावास और 10000 के अर्थदंड से दंडित किया है.

ग्वालियर। जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार विरोधी कोर्ट ने 5000 रुपए की रिश्वत लेने के आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को दोषी पाते हुए उसे 4 साल की सजा से दंडित किया है. कोर्ट ने 10,000 रुपए का अर्थदंड लगाया है. दरअसल जिले के भितरवार तहसील के ग्राम सिंघारन में रहने वाले ग्रामीण अर्जुन कुशवाहा के पिता की मौत 2012 में हो गई थी, उनके नाम की कृषि भूमि को फौती नामांतरण के लिए उसने तहसीलदार भितरवार के कार्यालय में आवेदन पेश किया था. जिस पर तहसीलदार ने संबंधित पटवारी अनिल शर्मा को आवेदन पर कार्रवाई के लिए आदेश दिया था.

कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा

इस संबंध में अर्जुन सिंह ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा ने 30,000 रुपए की रिश्वत फौती नामांतरण करने के एवज में अपनी टीप के लिए मांगी थी. इसकी शिकायत अर्जुन सिंह ने 23 जनवरी 2018 को मोतीमहल स्थित एसपी लोकायुक्त के कार्यालय में की थी. रिश्वत मांगने के सत्यापन के लिए वॉइस रिकॉर्डर भी अर्जुन कुशवाहा को दिया गया था, जिसकी रिकॉर्डिंग भी अर्जुन ने लोकायत पुलिस को सौंपी थी.

तयशुदा कार्रवाई के लिए 29 जनवरी 2018 को भितरवार तहसील कार्यालय में पटवारी को ट्रैप करना तय किया गया. 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. उस समय वह 30000 में से 5000 रुपए की रिश्वत बतौर पेशगी ले रहा था. सादा कपड़ों में तैनात लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया. मामले के विचारण के बाद विशेष न्यायाधीश रामजी गुप्ता ने आरोपी पटवारी अनिल शर्मा को 4 साल की सश्रम कारावास और 10000 के अर्थदंड से दंडित किया है.

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