ग्वालियर/उज्जैन। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटाने एवं कोलाहल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम का पालन करवाने के लिए ग्वालियर पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राजेश चंदेल ने धर्म गुरुओं की मीटिंग ली. जिसमें धार्मिक स्थलों मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च आदि से लाउड स्पीकर हटाने और ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने की सलाह दी गई है. इस बीच थाना हस्तिनापुर में एसडीओपी बेहट संतोष पटेल व एसडीएम इसरार खान के द्वारा समन्वय से मीटिंग ली गई. जिसमें सिरसोद गांव के मुस्लिम भाइयों ने शासन के आदेश का सम्मान करते हुए ध्वनि प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए स्वेच्छा से मस्जिद से लाउड स्पीकर को निकाल दिया.
मंदिर और मस्जिद से हटाए लाउडस्पीकर: सिरसोद मस्जिद के इमाम उजर अहमद, गांव के बुजुर्ग शमशाद अली व पूर्व सरपंच आबिद अली के साथ मिलकर मुस्लिम लोगों ने जुम्मे की नमाज से पहले मस्जिद के बाहर लगे चार चुंगों को हटाकर शासन के निर्देश का स्वागत किया. इसके साथ ही छारी मोहल्ला में शिव मंदिर में लगा लाउड स्पीकर भी स्वेच्छा से उतारा. पुलिस प्रशासन के एसडीओपी व एसडीएम ने धर्म गुरुओं के इस निर्णय का फूल माला व शाल से सम्मान किया.
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उज्जैन में भी हुई कार्रवाई: इधर उज्जैन में भी मध्य प्रदेश के मुखिया मोहन यादव के आदेशों का पालन करते हुए शुक्रवार को शहर के मंदिर, मस्जिद सहित अन्य धार्मिक स्थलों से लोगों ने ध्वनि विस्तारक यंत्र स्वेच्छा से निकाल लिए. एसपी सचिन शर्मा ने बताया कि ''नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए हमने सभी धर्म गुरुओं और आम लोगों से बात की थी. आज कई लोगों ने धार्मिक जगह पर लगे लाउड स्पीकर को स्वेच्छा से हटा दिया है.'' वहीं डीजे वालों के लिए भी गाइडलाइन तैयार हो गई है. जिसके तहत दो स्पीकर से ज्यादा नहीं होना चाहिए, इसको लेकर एक टीम गठित की जाएगी जो निगरानी रखेगी.
धर्मगुरु ने तीन दिन का समय मांगा: जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए कई जगह से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई की. लेकिन धर्मगुरुओं ने अधिकारियों के साथ बैठकर 3 दिन का समय मांगा है. 3 दिन के बाद यदि नियम अनुसार परमिशन लेकर लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते हैं तो जिला प्रशासन फिर से कार्रवाई शुरू करेगा. क्योंकि उज्जैन डॉ. मोहन यादव का गृह निवास है और प्रशासन ने सबसे पहले यहां से कार्रवाई की शुरुआत की.