ग्वालियर। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दैनिक वेतन भोगियों को अचानक नौकरी से बाहर कर दिया गया है. जिसके बाद मंगलवार से नाराज कर्मचारियों ने आर्कलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. एक अप्रैल को मौखिक आदेश के बाद इन कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं आने से मना कर दिया गया. वहीं 3 दिन बीत जाने पर भी कर्मचारियों की समस्याएं सुनने पुरातत्व सर्वेक्षण का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है.
दरअसल, ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर धरना प्रदर्शन कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी 15 - 20 सालों से यहां काम कर रहे थे. लेकिन अब इन कर्मचारियों की जगह आउट सोर्स एजेंसी के कर्मचारियों को ग्वालियर किले की देखरेख और साफ सफाई के लिए रखा जाएगा. जिसके कारण यहां काम करने वाले 82 मजदूरों को विभाग ने वित्तीय कठिनाइयों का हवाला देते हुए नौकरी से बाहर कर दिया है.
कर्मचारियों का आरोप है कि आउट सोर्स कंपनी के जरिए जिन लोगों को रखा जाएगा उनसे विभाग के अफसर पैसा खाएंगे. जो लोग हड़ताल कर रहे हैं, अभी उन्हें खाते से सीधा भुगतान हो रहा है, इसलिए कोई बिचौलिया इसमें शामिल नहीं है. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि उनकी बातें नहीं सुनी गई तो वे ट्रिब्यूनल में अवमानना याचिका दायर करेंगे क्योंकि ट्रिब्यूनल ने उन्हें स्थाई रूप से स्टे दे रखा है. इसके बावजूद उसके कर्मचारियों को बाहर निकाला गया है.