ग्वालियर। व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में 8 साल पहले आरक्षक बने दिनेश त्यागी का फर्जीवाड़ा साबित होने पर उसे 5 साल की सजा सुनाई गई है. साथ ही उस पर 3200 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है. साल 2012 में हुई कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में दिनेश ने अपनी जगह वशिष्ठ शर्मा नामक सॉल्वर को बैठाया था.
दरअसल व्यापमं फर्जीवाड़ा मामले में दिनेश त्यागी की नौकरी लगने के बाद किसी ने उसकी शिकायत चंबल रेंज के आईजी से की थी. शिकायत की पुष्टि होने के बाद उसके खिलाफ भिंड में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में सीबीआई ने जांच की और आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिया. इस बीच आरोपी दिनेश त्यागी ने हाईकोर्ट जाकर अंतरिम राहत पा ली थी. जिसमें उसे ट्रायल के दौरान नौकरी की छूट दी गई थी.
आरक्षक के रूप में सिलेक्ट होने के बाद दिनेश त्यागी को भिंड जिला आवंटित हुआ था. इन दिनों वहां पचमढ़ी में ट्रेनिंग ले रहा था.सीबीआई कोर्ट में उसके खिलाफ चालान पेश किया गया. खास बात ये है कि कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट और थंब इंप्रेशन में मिसमैचिंग के चलते उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि दिनेश के हस्ताक्षर थंब इंप्रेशन उसकी ओएमआर शीट पर नहीं है. बल्कि किसी दूसरे व्यक्ति के हैं. खास बात यह है कि सॉल्वर बने वशिष्ठ शर्मा की पहले मौत हो चुकी है.