ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के दौरान कितने मरीजों की मौत घटिया प्लाज्मा चढ़ाए जाने से हुई है. इसका कोई डेटा अभी तक नहीं मिल सका है. पिछले दिनों उजागर हुए नकली प्लाज्मा कांड के बाद केंद्र और राज्य के स्वास्थ्य विभाग की टीमें निजी ब्लड बैंक सहित पकड़े गए तीन आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. टीम मामले की गहराई में जाने की कोशिश कर रही है.
ग्वालियर में अब तक 280 लोगों की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है, इनमें 31 लोगों की मौत प्लाज्मा चढ़ाने से हुई थी. सबसे ज्यादा मौतें कोविड-19 सेंटर यानी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में (24 लोगों की मौत प्लाज्मा चढ़ाने के बाद) हुई है.
आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है साथ नकली बैग तैयार करने पर धोखाधड़ी का भी मामला दर्ज किया गया है.
कई लोगों को तो इस बात की जानकारी ही नहीं है की जिस प्लाज्मा को उन्होंने अपने परिजनों को चढ़ाया वह सही था या नहीं. कोरोना से ठीक हो चुके 200 से ज्यादा लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया था, ताकि संक्रमित लोगों को इस प्लाज्मा के चढ़ाने के बाद बचाया जा सके, जिसके बाद शहर के 10 से ज्यादा अस्पतालों में मरीजों को प्लाजमा थेरेपी दी गई.
परिजनो की जागरूकता से सामने आया मामला
घटिया प्लाज्मा चढ़ाने का मामला तब सुर्खियों में आया जब दतिया के कारोबारी मनोज गुप्ता को जाने माने अपोलो अस्पताल में घटिया प्लाज्मा चढ़ाया गया. यदि उनके परिजन भी जागरूक नहीं होते तो इस रैकेट का खुलासा भी नहीं हो सकता था.
आरोपी ने स्वीकारी अस्पतालों को सप्लाई की बात
इस मामले में मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी ने पिछले दिनों पूछताछ में स्वीकार किया था कि उसने अभी तक डेढ़ सौ से ज्यादा यूनिट प्लाज्मा बनाकर लोगों को बेचा है. खास बात यह है कि बिरला और अपोलो अस्पतालों सहित छह अन्य अस्पतालों में कितने लोगों को प्लाज्मा दिया गया. कितने लोगों की मौत हुई इसका भी कोई आंकड़ा नहीं मिला है.