धार। जिले के पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 1 में स्थित टॉमरान फार्मास्यूटिकल ग्लूकोज की बोतल बनाने वाली कंपनी के गेट पर बड़ी संख्या में महिला और पुरुष श्रमिक धरने पर बैठ गए, श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें 3 माह से वेतन नहीं दिया गया है और न ही ईपीएफ-ईएसआई का पैसै जमा किया जा रहा है. श्रमिकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भी लगातार कंपनी में उत्पादन किया गया, बावाजूद इसके वेतन का भुगतान नहीं किया गया.
मजदूरों ने बताया कि जब वो कंपनी में आए तो कंपनी ने बाहर से ताला लगा दिया था और कहा कि काम नहीं है. कंपनी के स्टाफ का व्यवहार भी महिला श्रमिकों के साथ आपत्ति जनक रहता था, इसकी शिकायत की जाती थी तो नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती थी. श्रमिकों ने कहा कि दवा कंपनी होने के बाद भी कोरोना संक्रमण से रोकथाम के कोई उपाय परिसर में नही है, न मास्क न सैनिटाइजर की व्यवस्था है. कई बार श्रम अधिकारी को शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
श्रम अधिकारी अरविंद सक्सेना ने बताया कि ये मामला उनके संज्ञान में आया है, जिसके बाद इंस्पेक्टर को कंपनी में भेजा है. जनाकारी मिली है कि श्रमिकों को नियत रेट से कम भुगतान किया जा रहा है, ये भी जानकारी मिली है कि श्रमिकों को 3 माह से वेतन और 18 महीने से ओवर टाइम का भुगतान नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि वो पूरा प्रकरण बना कर हेल्थ एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट को भेज रहे हैं, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके. श्रमिक ओम प्रकाश चौबे ने बताया कि 3 महीने से वेतन नहीं मिला है, उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि जनवरी से अगस्त तक का पीएफ और ईएसआई का पैसा तक नहीं जमा किया गया है, साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए केवल दो बार मास्क दिया गया है.
महिला श्रमिक सुनीता पाटीदार ने बताया कि कंपनी में ग्लूकोज की बोतल बनाई जाती है, 2 साल से ओवरटाइम का पैसा नहीं मिला है, जब वह कंपनी पहुंची तो वहां ताला लगा हुआ था और कंपनी ने कहा कि अभी काम नहीं है, वापस जाओ. ऐसे में परिवार का भरण पोषण कैसे किया जाएगा इसकी चिंता है.