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सिक्कों का ऐसा कलेक्शन देखकर रह जाएंगे दंग, घर में मौजूद हजारों साल पुरानी मुद्रा समेत 40 देशों की करेंसी

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Published : Jun 13, 2020, 11:06 PM IST

इसे शौक कहें या धुन रिटॉयर्ड बैंक मैनेजर दिनेश भावसार ने अपने घर में ही संग्रहालय बना लिया है. जिसमें 2300 साल पुराने सिक्कों से लेकर 40 देशों की करेंसी मौजूद है.

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पुराने सिक्कों का कलेक्शन

धार। कहा जाता है कि सिक्के बोलते हैं. बस उनसे बात करने वाला होना चाहिए. ये मानना है धार जिले के धामनोद के रहने वाले दिनेश भावसार का. दिनेश ग्रामीण विकास बैंक के मैनेजर पद से रिटायर्ड हैं. इनके घर में प्राचीन सिक्कों का खजाना है. इन सिक्कों में देश के बीते 2300 साल का इतिहास समाया हुआ है. इसे शौक कहें या धुन, बचपन से ही सिक्के और नोटों का कलेक्शन कर दिनेश ने अपने घर में ही ऐसा संग्रहालय तैयार कर लिया है कि देखने वाले दंग रह जाएं. दिनेश के इस संग्राहलय में पुराने सिक्कों से लेकर अब तक कई देशों की करेंसी मौजूद है. इतना ही नहीं दिनेश के पास इन सिक्कों और उनके इतिहास की पूरी जानकारी भी है.

पुराने सिक्कों का कलेक्शन

बचपन से सिक्के जमा करने का शौक

दिनेश ने बताया कि उन्हें बचपन से ही पुरानी करेंसी का संग्रहण करने का शौक है, उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें पुराने स्टांप पेपर की एक फाइल दी थी, जिसके बाद से ही उन्हें इतिहास में काफी रूचि हो गई और वे पुराने खजाने को संग्रहित करने की और आकर्षित हुए. तब से उन्हें प्राचीन काल के सिक्कों और मुद्राओं को संग्रहित करने का शौक लगा गया. जिसके चलते आज उनके पास तांबे, सोने, चांदी और सीसा जैसी धातु के हजारों पुराने सिक्के, मुद्राएं, पुराने स्टांप पेपर, पोस्ट कॉर्ड और डाक टिकटों के साथ ही 40 देशों की करेंसी का खजाना है.

Ancient coins
प्राचीन सिक्के

सालों की मेहनत का फल

दिनेश भावसार ने ये खजाना बड़ी मेहनत और बड़ा खर्च कर के संग्रहित किया है.उनका मानना है कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे इतिहास को देख और समझ सकेगी. उनकी इस विरासत को खड़ा करने में उनके परिवार का भी भरपूर सहयोग मिला है. वे आज भी अपने इस खजाने के बीच घंटों बैठे रहते हैं, समय कब निकल जाता है उन्हें पता ही नहीं चलता. वे हर समय इसे बढ़ाने के लिए लगे रहते हैं.

foreign currency
विदेशी मुद्रा
हजारों साल पुराने सिक्कों का संग्रहदिनेश भावसार के पास में जो पुराने सिक्कों का खजाना है, उसमें तांबे, सोने, चांदी, सीसा धातु के करीब 5 हजार से अधिक सिक्के हैं, इन सिक्कों में जनपदीय सिक्के, ईसा पूर्व के सिक्के, कुषाण, चोल वंश ,परमार काल और होलकर, ग्वालियर, भोपाल राजघराने के सिक्के शामिल हैं, वहीं भारतीय देशी रियासतों के गढ़िया, नजराना और सिक्कों का भी बड़ा संग्रह है.

40 देशों की करेंसी भी संग्रहण में शामिल

पुरानी मुद्राओं और सिक्कों के शौकीन दिनेश भावसार के पास में विश्व की पहली प्लास्टिक मुद्रा के साथ भूटान, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, मंगोलिया समेत 40 देशों की करेंसी का कलेक्शन है. 15 देशी रियासतों के डाक टिकट, 23 से अधिक देशों के डाक टिकट, आजादी के बाद के फर्स्ट डे कवर और फोल्डर, स्पेशल कवर, स्मारक सिक्के, ऐरर नोट, मेडल, पुराने पोस्ट कार्ड का भी बड़ा संग्रह है.

धार। कहा जाता है कि सिक्के बोलते हैं. बस उनसे बात करने वाला होना चाहिए. ये मानना है धार जिले के धामनोद के रहने वाले दिनेश भावसार का. दिनेश ग्रामीण विकास बैंक के मैनेजर पद से रिटायर्ड हैं. इनके घर में प्राचीन सिक्कों का खजाना है. इन सिक्कों में देश के बीते 2300 साल का इतिहास समाया हुआ है. इसे शौक कहें या धुन, बचपन से ही सिक्के और नोटों का कलेक्शन कर दिनेश ने अपने घर में ही ऐसा संग्रहालय तैयार कर लिया है कि देखने वाले दंग रह जाएं. दिनेश के इस संग्राहलय में पुराने सिक्कों से लेकर अब तक कई देशों की करेंसी मौजूद है. इतना ही नहीं दिनेश के पास इन सिक्कों और उनके इतिहास की पूरी जानकारी भी है.

पुराने सिक्कों का कलेक्शन

बचपन से सिक्के जमा करने का शौक

दिनेश ने बताया कि उन्हें बचपन से ही पुरानी करेंसी का संग्रहण करने का शौक है, उनके एक रिश्तेदार ने उन्हें पुराने स्टांप पेपर की एक फाइल दी थी, जिसके बाद से ही उन्हें इतिहास में काफी रूचि हो गई और वे पुराने खजाने को संग्रहित करने की और आकर्षित हुए. तब से उन्हें प्राचीन काल के सिक्कों और मुद्राओं को संग्रहित करने का शौक लगा गया. जिसके चलते आज उनके पास तांबे, सोने, चांदी और सीसा जैसी धातु के हजारों पुराने सिक्के, मुद्राएं, पुराने स्टांप पेपर, पोस्ट कॉर्ड और डाक टिकटों के साथ ही 40 देशों की करेंसी का खजाना है.

Ancient coins
प्राचीन सिक्के

सालों की मेहनत का फल

दिनेश भावसार ने ये खजाना बड़ी मेहनत और बड़ा खर्च कर के संग्रहित किया है.उनका मानना है कि इससे हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे इतिहास को देख और समझ सकेगी. उनकी इस विरासत को खड़ा करने में उनके परिवार का भी भरपूर सहयोग मिला है. वे आज भी अपने इस खजाने के बीच घंटों बैठे रहते हैं, समय कब निकल जाता है उन्हें पता ही नहीं चलता. वे हर समय इसे बढ़ाने के लिए लगे रहते हैं.

foreign currency
विदेशी मुद्रा
हजारों साल पुराने सिक्कों का संग्रहदिनेश भावसार के पास में जो पुराने सिक्कों का खजाना है, उसमें तांबे, सोने, चांदी, सीसा धातु के करीब 5 हजार से अधिक सिक्के हैं, इन सिक्कों में जनपदीय सिक्के, ईसा पूर्व के सिक्के, कुषाण, चोल वंश ,परमार काल और होलकर, ग्वालियर, भोपाल राजघराने के सिक्के शामिल हैं, वहीं भारतीय देशी रियासतों के गढ़िया, नजराना और सिक्कों का भी बड़ा संग्रह है.

40 देशों की करेंसी भी संग्रहण में शामिल

पुरानी मुद्राओं और सिक्कों के शौकीन दिनेश भावसार के पास में विश्व की पहली प्लास्टिक मुद्रा के साथ भूटान, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, मंगोलिया समेत 40 देशों की करेंसी का कलेक्शन है. 15 देशी रियासतों के डाक टिकट, 23 से अधिक देशों के डाक टिकट, आजादी के बाद के फर्स्ट डे कवर और फोल्डर, स्पेशल कवर, स्मारक सिक्के, ऐरर नोट, मेडल, पुराने पोस्ट कार्ड का भी बड़ा संग्रह है.

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