धार। संस्कृति विभाग मध्यप्रदेश शासन और नर्मदा साहित्य मंथन मालवा के द्वारा राजा भोज के जीवन काल में उनके सामाजिक एवं वास्तुशिल्प के योगदान पर केंद्रित तीन दिनी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. धार के पीजी कॉलेज के ऑडिटोरियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह और मध्यप्रदेश शासन की पर्यटन संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर शामिल हुईं. इस मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि, चीन एक ऐसा देश है जिस पर कभी भी भरोसा नहीं किया जा सकता. चीन ने हमेशा धोखा ही दिया है. जो भी संधियां भारत और चीन के बीच में हुई, उसको लेकर विश्वास पर ही आगे बढ़ा जा सकता है. लेकिन चीन ने हमेशा भरोसा तोड़ा है.
समाज के लिए कार्य करना एक महानता: उत्तराखण्ड के राज्यपाल रिटा. लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने आंतरिक सुरक्षा, चुनौतियों एवं समाधान विषय पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज के लिए कार्य करना एक महान कार्य है. आज जहां लोग अपने परिवार से बाहर नहीं सोच पा रहे ऐसी स्थिति में जब युवा, साहित्यकार और विचारक साहित्य मंथन जैसे आयोजनों के माध्यम से राष्ट्र की सुरक्षा जैसे विषयों से जुड़ता है तो मुझे विश्वास हैं उस देश का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
भारतीय पहचानें अपनी शक्ति: गलवान घाटी हमले के बाद जिस प्रकार पूरे देश ने एकजुटता दिखाई है, वह प्रशंसा और गर्व करने लायक है. भारत का बार्डर को लेकर क्लियर कॉन्सेप्ट हैं कि, मेकमोहन रेखा तक देश हमारा है. भारत के लोगों को अपनी शक्ति को पहचानना होगा. पूरा विश्व जानता है कि हम आत्मविश्वास से भरी शक्ति हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि हम अपने ऊपर ही विश्वास नहीं करते.
भोजपर्व का धार में आयोजन: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के प्रांत संघ चालक अशोक सोहनी, मालवा प्रांत के कार्यवाह विनीत नवाथे और नर्मदा साहित्य मंथन के संयोजक डॉ. मुकेश मोद की मौजूदगी में शनिवार को उद्घाटन किया गया. अश्विनी शोध संस्थान महोदपुर के संस्थापक अध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर द्वारा संयोजित इस प्रदर्शनी में राजा भोज के वास्तु नगर नियोजन, मंदिर नियोजन, नाट्य, विमानन शास्त्र से लेकर उनके काल के शस्त्र औजार भी प्रदर्शित किए गए. उनके काल में प्रचलित स्वर्ण मुद्राएं शामिल हैं. रविवार सत्र में उत्तराखंड के राज्यपाल व रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने आंतरिक सुरक्षा, चुनौतियों और समाधान विषय पर अपने विचार रखे. भोजपर्व में मालवा प्रांत के दर्शकों को 1 हजार से अधिक साहित्यकार और विचारकों के विचार देखने सुनने को मिलेंगे.
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वास्तुशिल्प योगदान पर केंद्रित प्रदर्शनी: जिले के साथ-साथ मालवा-निमाड़ क्षेत्र के लिए यह पहला अवसर है. जब राजा भोज के नगर नियोजन, वास्तु शिल्प, मंदिर शिल्प, मुद्रा और शस्त्र सहित विभिन्न विषय केंद्रित प्रदर्शनी का आयोजन एक साथ हो रहा है. राजा भोज द्वारा वर्णित मंदिर शिल्प के आधार पर बने मंदिर और उनसे जुड़े वास्तुकला से संबंधित चित्र और महत्वपूर्ण आलेख भी प्रदर्शनी में दिखाई देंगे. इस प्रदर्शनी के लिए प्रोफ्रेसर संतोष पटेल, विज्ञान भारती मालवा प्रांत प्रचार प्रमुख रामचंद्र ठाकुर, संस्थापक अश्वनी शोध संस्थान इंजीनियर शिवम चतुर्वेदी, इतिहासकार और ज्योतिषाचार्य ने विषय वस्तु संयोजन का कार्य किया है. पिछले साल यह आयोजन मां अहिल्या बाई होलकर की राजधानी रही महेश्वर नगरी में हुआ था. विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा देश के विभिन्न विषयों जैसे इतिहास, संस्कृति, साहित्य, लोक कला इत्यादि के क्षेत्र में तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन का क्रम शुरू किया गया था.