देवास। सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कई जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से शासन की योजना का लाभ आम नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है. जिम्मेदार शासन की योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को न देते हुए अपनी जेब भरने में लगे हैं. ऐसा ही मामला कन्नौद तहसील की सेवा सहकारी संस्था में सामने आया है.
ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप
ग्राम बावड़ी खेड़ा सहकारी संस्था में ग्रामीणों ने प्रबन्धक पर लाखों के गबन का आरोप लगाते हुए कन्नौद एसडीएम को आवेदन देकर जांच करने की मांग की है. ग्रामीणों ने आवेदन में बताया कि बावड़ी खेड़ा गांव के आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के प्रबन्धक रामचंद्र मीणा ने लाखों रुपए का गबन किया है. किसानों का ऋण माफ होने के बाद भी कई किसानों के खातों में राशि नही डाली गई. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना काल में राशन भी वितरित नहीं किया गया और ऋण माफी की राशि भी खातों में नहीं डाली गई.
दो करोड़ के गबन के लिए 12 खातों का उपयोग, सात पर केस दर्ज
जांच में मिली कई गड़बड़ी
ग्रामीणों के आवेदन पर एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे ने जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें पता चला कि भारी मात्रा में प्रबंधक रामचंद्र मीणा ने संस्था में कई अनियमितताएं की हैं. वहीं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संगीता यादव ने बताया की ग्रामीणों की शिकायत पर जांच दल को 83 क्विंटल गेहूं और 102 क्विंटल चावल कम पाया गया, जिसकी रिपोर्ट एसडीएम को सौंपी गई थी. मामले में कलेक्टर के निर्देश पर सम्बंधित प्रबन्धक के खिलाफ एफआईआर कन्नौद थाने में दर्ज करवाई गई है.