देवास: ग्राम बड़ाखेत के तेलम सिंह मोरे ने बताया कि "क्षेत्र में होली से एक सप्ताह पूर्व के साप्ताहिक हाट को भगोरिया पर्व के रूप में मनाया जाता है. इसमें आदिवासी बारेला एवं भिलाला समाज के लोग अपने-अपने घर से पारंपरिक व सामाजिक वेशभूषा धारणकर एक-दूसरे को गुलाल लगाते हुए और ढोल व मांदल की थाप पर नृत्य करते हुए निकलते हैं. आदिवासियों के लिए यह पर्व किसी अन्य त्योहार से कम नहीं है. इसमें इन लोगों का उत्साह चरम पर देखा जा सकता है. क्षेत्र का भगोरिया हाट सोमवार को कुसमानिया में साप्ताहिक हाट के रूप में सम्पन्न हुआ. इसमें आसपास के ग्राम भिलाई, ककड़दी, उतावली, बड़ाखेत, कोलारी, ओंकारा, बरखेड़ी, बड़ीखिवनी, कालीबाई व छोटी खिवनी आदि गांवों से बड़ी संख्या में आदिवासी शामिल हुए.
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जलेबी और पेड़ों की जमकर हुई बिक्री: पर्व की तैयारी व्यापारियों ने भी व्यापक स्तर पर की थी. इसमें अन्य बाजार की अपेक्षा जलेबी, पेड़े, मिठाई सहित नमकीन की दुकानों की संख्या अधिक रही. इसमें आदिवासी बच्चों सहित अन्य लोगों ने सभी का जमकर लुत्फ उठाया. इधर इंदौर-आष्टा मार्ग पर भगोरिया हाट होने के कारण जाम जैसी स्थिति रही. इसके चलते वाहन चालकों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा. कुसमानिया के भगोरिया पर्व में आदिवासी समुदाय के बीच कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. वही दूसरी और भाजपा नेताओ ने भगोरिया हाट से दूरी बनाई. भगोरिया हाट में भाजपा द्वारा आदिवासी समुदाय से दूरी चर्चा का विषय बनी रही.