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पिता ने तेरहवीं पर बांटे हेलमेट, सड़क हादसे में हुई थी बेटे की मौत

दमोह जिले के तेजगढ़ निवासी एक परिवार ने बेटे की मौत के बाद उसकी तेरहवीं में हेलमेट बांटे. परिवार का कहना है कि जिस गलती से उनके बेटे की मौत हो गई वह गलती अब और कोई न करे.

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Published : Dec 3, 2019, 11:28 PM IST

distributed helmets
पिता ने तेरहवीं पर बांटे हेलमेट

दमोह। बेटे की मौत के बाद उसकी तेरहवीं पर एक पिता ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी चारों तरफ सराहना हो रही है. सड़क हादसे में बेटे की मौत से ये परिवार टूट गया और घर में मामत पसर गया. इसके बाद परिवार ने बेटे की मौत के बाद संकल्प लिया कि जिस गलती से उनके बेटे जान चली गई, ऐसा किसी और के साथ ना हो. इसके लिए बेटे की तेरहवीं के दिन पिता ने हेलमेट बांटे और हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाने की सलाह दी.

पिता ने तेरहवीं पर बांटे हेलमेट

दरअसल, दमोह जिले के तेजगढ़ निवासी महेंद्र दीक्षित की बेटा लकी दीक्षित किसी काम से झलौन गया था. वापस घर लौटते वक्त उसकी बाइक हादसे का शिकार हुई और उसकी मौत हो गई. हादसे के वक्त लकी हेलमेट नहीं लगाए थे इसलिए मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया.

बेटे की मौत के बाद पिता के द्वारा की गई इस सराहनीय पहल की तारीफ दमोह कलेक्टर ने भी की है. कलेक्टर का कहना है कि तेरहवीं में हेलमेट बांटा जाना समाज में एक नए संदेश को देने का काम करेगा.

मृतक लकी के पिता ने तेरहवीं में खासकर उन युवाओं को हेलमेट बांटे हैं, जो 18 साल से ज्यादा उम्र के पार कर चुके हैं. इसके अलावा उनके परिजनों को भी हेलमेट पहनकर बाइक चलाने की सलाह दी है.

दमोह। बेटे की मौत के बाद उसकी तेरहवीं पर एक पिता ने ऐसा कदम उठाया, जिसकी चारों तरफ सराहना हो रही है. सड़क हादसे में बेटे की मौत से ये परिवार टूट गया और घर में मामत पसर गया. इसके बाद परिवार ने बेटे की मौत के बाद संकल्प लिया कि जिस गलती से उनके बेटे जान चली गई, ऐसा किसी और के साथ ना हो. इसके लिए बेटे की तेरहवीं के दिन पिता ने हेलमेट बांटे और हेलमेट पहनकर ही बाइक चलाने की सलाह दी.

पिता ने तेरहवीं पर बांटे हेलमेट

दरअसल, दमोह जिले के तेजगढ़ निवासी महेंद्र दीक्षित की बेटा लकी दीक्षित किसी काम से झलौन गया था. वापस घर लौटते वक्त उसकी बाइक हादसे का शिकार हुई और उसकी मौत हो गई. हादसे के वक्त लकी हेलमेट नहीं लगाए थे इसलिए मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया.

बेटे की मौत के बाद पिता के द्वारा की गई इस सराहनीय पहल की तारीफ दमोह कलेक्टर ने भी की है. कलेक्टर का कहना है कि तेरहवीं में हेलमेट बांटा जाना समाज में एक नए संदेश को देने का काम करेगा.

मृतक लकी के पिता ने तेरहवीं में खासकर उन युवाओं को हेलमेट बांटे हैं, जो 18 साल से ज्यादा उम्र के पार कर चुके हैं. इसके अलावा उनके परिजनों को भी हेलमेट पहनकर बाइक चलाने की सलाह दी है.

Intro:पुत्र की मौत से आहत पिता ने तेरहवीं में बांटे युवाओं को हेलमेट

सड़क हादसे में हुई थी बेटे की मौत हादसे के वक्त बिना हेलमेट के चला रहा था बाइक

18 वर्ष की आयु से ऊपर के युवाओं को हेलमेट लगाने की सलाह के साथ किया वितरण

Anchor. अपने पुत्र की मौत से गमजदा एक पिता ने पुत्र की तेरहवीं में कुछ ऐसा करने का निर्णय लिया कि लोग एक दुखी पिता की इस पहल को सराहनीय कहने से नहीं चूके. बिना हेलमेट के बाइक चलाना उनके लिए दुख का कारण बना तो पिता ने अपने पुत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के प्रमुख कारण को ही तेरहवीं के उपहार में बदल दिया. पुत्र की मौत से गमजदा एक पिता ने पुत्र की तेरहवीं में कुछ ऐसा करने का फैसला लिया कि लोग एक दुखी पिता की इस पहल को सराहने से नहीं चुके.


Body:Vo. शिक्षक का कार्य करने वाले महेंद्र दीक्षित का पुत्र विभांशु उर्फ लकी दीक्षित स्कूल का संचालन करता था. स्कूल के काम से झलोन के मार्ग से होते हुए वह तेजगढ़ लौट रहा था. इसी दौरान 21 नवंबर को सड़क पर बैठे जानवर से टकरा जाने के कारण उसकी बुलेट गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई. हादसे में लकी दीक्षित की मौका स्थल पर खून बह जाने की वजह से मौत हो गई. हेलमेट नहीं पहनने के कारण सिर पर आई चोट के चलते पुत्र की मौत पर पिता ने उसकी तेरहवीं में 18 वर्ष की आयु पार कर चुके युवाओं को हेलमेट देकर हमेशा ही बाइक चलाने के दौरान इसे पहनने की सलाह दी.

बाइट - महेंद्र दीक्षित पीड़ित पिता

Vo. पुत्र की मौत के बाद पिता के द्वारा की गई इस सराहनीय पहल की जिले के कलेक्टर ने भी सराहना की है. कलेक्टर का कहना है कि सरकार लगातार ही बाइक चालकों को हेलमेट लगाकर सफर करने की सलाह देती है. साथ ही ऐसा ना करने वालों पर कार्रवाई भी करती है. वही तेरहवीं में हेलमेट बांटा जाना निश्चित ही समाज में एक नए संदेश को देने का काम करेगा.

बाइट - तरुण राठी कलेक्टर दमोह


Conclusion:Vo. सरकार द्वारा लगातार ही बिना हेलमेट के बाइक चलाने वालों पर कार्रवाई की जाती है. इसके बाद भी लोग लंबे सफर के दौरान भी बिना हेलमेट के ही बाइक चलाते हैं. जिससे वो हादसे का शिकार हो जाते हैं. वही पुत्र की मौत के बाद पिता द्वारा हेलमेट का वितरण किया जाना निश्चित ही बिना हेलमेट के बाइक चलाने वालों के लिए बड़ा संदेश माना जा सकता है.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
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