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फूड प्वॉइजनिंग से एक ही परिवार के 4 लोग बीमार, जंगली बीज कोदई का किया था इस्तेमाल - डॉक्टर दिवाकर पटेल

दमोह में फूड प्वॉइजनिंग से एक ही परिवार के 4 लोग बीमार हो गए हैं. इन लोगों ने जंगली घास के बीज यानी कोदई की बनी रोटियां खा ली थी, जिसके बाद सभी बीमार हो गए. इन सबको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

एक ही परिवार के 4 लोग हुए बीमार
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Published : Nov 21, 2019, 3:07 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 3:24 PM IST

दमोह। जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र के बरबटा गांव से फूड प्वॉइजनिंग का मामला सामने आया है. जंगली घास के बीज कोदई से बनी रोटियां खाकर यहां एक ही परिवार के चार सदस्य बीमार हो गए. फिलहाल इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दरअसल पूरे परिवार का गुजारा महज 2 एकड़ जमीन से चलता है. इस बार उन्होंने उड़द की फसल बोई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इसी दौरान बहू को डिलीवरी भी हुई, जिसके लिए 1 महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा, लेकिन बच्चे की मौत हो गई. परिवार ने बताया कि गेहूं खत्म हो जाने के चलते मजबूरी में उन्होंने जंगली घास के बीज कोदई की रोटी बनाकर खाए थे.

एक ही परिवार के 4 लोग हुए बीमार

जिला अस्पताल के डॉक्टर दिवाकर पटेल ने कहा कि अभी फिलहाल सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है और उनका इलाज किया जा रहा है.

दमोह। जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र के बरबटा गांव से फूड प्वॉइजनिंग का मामला सामने आया है. जंगली घास के बीज कोदई से बनी रोटियां खाकर यहां एक ही परिवार के चार सदस्य बीमार हो गए. फिलहाल इन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दरअसल पूरे परिवार का गुजारा महज 2 एकड़ जमीन से चलता है. इस बार उन्होंने उड़द की फसल बोई थी, जो पूरी तरह से बर्बाद हो गई. इसी दौरान बहू को डिलीवरी भी हुई, जिसके लिए 1 महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा, लेकिन बच्चे की मौत हो गई. परिवार ने बताया कि गेहूं खत्म हो जाने के चलते मजबूरी में उन्होंने जंगली घास के बीज कोदई की रोटी बनाकर खाए थे.

एक ही परिवार के 4 लोग हुए बीमार

जिला अस्पताल के डॉक्टर दिवाकर पटेल ने कहा कि अभी फिलहाल सभी मरीजों की हालत खतरे से बाहर है और उनका इलाज किया जा रहा है.

Intro:फ़ूड पॉयजनिंग, गरीबी और मजबूरी में खाई कोदई की रोटी बीमार हुआ पूरा परिवार

पूरे प्रदेश के साथ दमोह में भी फसल तबाही का दिखने लगा असर 

Anchor. दमोह में फ़ूड पॉयजनिंग का एक मामला सामने आया है. जिसमे एक ही परिवार के चार सदस्य इसका शिकार हुए है. वही इस फ़ूड पॉयजनिंग ने सरकार के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि जो वजह सामने आई है कि आखिर कैसे गरीबी मजबूरी और फसल तबाही के बाद उपजे हालातों ने एक परिवार को जंगली बीज की रोटी खाने मजबूर किया.


Body:Vo. दमोह के जिला अस्पताल में दाखिल ये किसान परिवार गरीबी और मजबूरी की वजह से जिला अस्पताल पहुंचा है. दरअसल पूरे परिवार द्वारा जंगली घास के बीज यानी कोदई की रोटी मजबूरी में खाई. इसके बाद पूरा परिवार बीमार हो गए. दमोह के तेजगढ़ थाना अंतर्गत आने वाले बरबटा गाँव में रहने वाले दलित  परिवार का गुजारा महज 2 एकड़ जमीन से चलता है. इस बार उन्होंने उड़द की फसल बोई थी जो पूरी तरह से बर्बाद  हो गई. उनके घर में बहू को डिलीवरी हुई और 1 महीने तक अस्पताल में रहना पड़ा. बच्चा खत्म हो गया और जो पैसा उन्होंने जमा कर रखा था वो खर्च हो गया. इन लोगों ने बताया कि गेहूं खत्म हो जाने के कारण मजबूरी में जंगली घास के बीज कोदाई के रोटी बनाकर  खाते हैं. रात को भी पूरे परिवार ने वही रोटी खाई. लेकिन इस बार शायद ये कोदई जहरीली थी. जिस कारण से यह लोग फूड प्वाइजनिंग के शिकार हो गए.

बाइट- धनीराम अहिरवार पीड़ित किसान

बाइट - विश्राम अहिरवार पीड़ित किसान

Vo. जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर की माने तो यह कुदई की रोटी खाने से बीमार हुए हैं. हालांकि ग्रामीण इलाकों में ये अपने आप ही उग आती है और बहुत कम लोग इसे खाते हैं. लेकिन कई बार इसके साथ विषैली चीज पहुंच जाती है. जिससे यह बीमार हो जाते हैं.

बाइट- डॉक्टर दिवाकर पटेल जिला अस्पताल दमोह


Conclusion:Vo. डाक्टरों की माने तो फ़िलहाल फ़ूड पॉयजनिंग का शिकार हुए इस परिवार की हालात ठीक है. डाक्टर उन्हें अपनी देखरेख में रखे है. यहाँ मामला सिर्फ फ़ूड पॉयजनिंग का भर नहीं है. सरकारें किसानो गरीबों के लिए तमाम योजनाएं चला रही है. किसानो के हित का दम भर्ती है लेकिन असलियत सबके सामने है. गरीब या तो पलायन करके महानगरों में चले जाते है. और जब वापस आते है तो जंगली घास के बीज की रोटियां खाने मजबूर हो जाते है. ऐसे में सवाल यही है की आखिर कब गरीबों को दो जून की रोटी मयस्सर होगी.

आशीष कुमार जैन
ईटीवी भारत दमोह
Last Updated : Nov 21, 2019, 3:24 PM IST
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