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पंडित श्रवण शर्मा ने दी सूर्य ग्रहण की जानकारी, इन बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी - Solar eclipse timing

रविवार की सुबह साल का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा जो भारत में दिखाई देगा. सुबह 10:21 से सूर्यग्रहण शुरू होगा. इसका सूतक काल शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू हो जाएगा. पंडित श्रवण शर्मा ने सूर्य ग्रहण के दौरान किन बातों को ध्यान रखना जरुरी है इसकी जानकारी दी.

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Published : Jun 20, 2020, 11:01 PM IST

छिंदवाड़ा। साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है. खास बात ये है कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू होगा. सूर्यग्रहण को लेकर पंडित श्रवण शर्मा ने बताया कि 21 जून को सुबह 10:21 से दोपहर 2:04 तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. जबकि ग्रहण के समय भगवान का जाप करना चाहिए.

पंडित श्रवण शर्मा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग सूतक काल में पूजा घर और मंदिरों के पट बंद रखते हैं. इसके बाद ग्रहण सूतककाल खत्म होने पर लोग फिर मंदिर और पूजा घरों को खोलते हैं और गंगाजल छिड़कर उन्हें पवित्र करते है. जिसके बाद फिर से विधिवत पूजा-पाठ शुरू होता है.

मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का रहेगा अधिक प्रभाव

पंडित श्रवण शर्मा के मुताबिक ये सूर्यग्रहण मिथुन राशि वालों के लिए सबसे ज्यादा अशुभ है. लिहाजा उनको ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत हैं. इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए घर से बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतना जरूरी है.

ग्रहण के दौरान इन बातों का रखे ध्यान

  • ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगे निकलती हैं, जो मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.
  • खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, जिससे कि पका हुआ खाना ग्रहण के कारण अशुद्ध होने से बच जाए.
  • ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए.
  • घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए और पूजा-पाठ करना चाहिए.
  • दान देना चाहिए.

क्‍या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण. चूंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का ज्यादातर भाग ढक लेगी. आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों तरफ एक वलयाकार आकृति बनाएगी. जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा. साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के बीच के भाग को पूरी तरह से ढक लेता है, तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

छिंदवाड़ा। साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने जा रहा है. खास बात ये है कि ये वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू होगा. सूर्यग्रहण को लेकर पंडित श्रवण शर्मा ने बताया कि 21 जून को सुबह 10:21 से दोपहर 2:04 तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए. जबकि ग्रहण के समय भगवान का जाप करना चाहिए.

पंडित श्रवण शर्मा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार लोग सूतक काल में पूजा घर और मंदिरों के पट बंद रखते हैं. इसके बाद ग्रहण सूतककाल खत्म होने पर लोग फिर मंदिर और पूजा घरों को खोलते हैं और गंगाजल छिड़कर उन्हें पवित्र करते है. जिसके बाद फिर से विधिवत पूजा-पाठ शुरू होता है.

मिथुन राशि पर सूर्य ग्रहण का रहेगा अधिक प्रभाव

पंडित श्रवण शर्मा के मुताबिक ये सूर्यग्रहण मिथुन राशि वालों के लिए सबसे ज्यादा अशुभ है. लिहाजा उनको ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत हैं. इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए घर से बाहर निकलते वक्त सावधानी बरतना जरूरी है.

ग्रहण के दौरान इन बातों का रखे ध्यान

  • ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि ऐसे समय में सूर्य से हानिकारक तरंगे निकलती हैं, जो मां और बच्चे की सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.
  • खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देना चाहिए, जिससे कि पका हुआ खाना ग्रहण के कारण अशुद्ध होने से बच जाए.
  • ग्रहण खत्म होने के बाद घर की सफाई करनी चाहिए.
  • घर में स्थापित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्नान करना चाहिए और पूजा-पाठ करना चाहिए.
  • दान देना चाहिए.

क्‍या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण. चूंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का ज्यादातर भाग ढक लेगी. आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों तरफ एक वलयाकार आकृति बनाएगी. जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा. साल के सबसे बड़े दिन पर ये ग्रहण लगने जा रहा है. जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच में आता है और सूर्य के बीच के भाग को पूरी तरह से ढक लेता है, तो इस घटना को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है.

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