छिंदवाड़ा। महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी मनोज वानखेड़े ने क्रिप्टो करेंसी में पैसे इन्वेस्ट होने के बाद परेशानियों के चलते आत्महत्या कर ली. उन्होंने घर के बगल में निर्माणाधीन मकान में जान दी. नागपुर मार्ग पर चंदनगांव के समीप घर पर उनका शव लटका मिला. कोतवाली पुलिस घटना की जांच कर रही है. अधिकारी के इस तरह आत्महत्या करने से विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मचारी हतप्रभ हैं.
सात साल से छिंदवाड़ा में तैनात थे : मनोज वानखेड़े महिला बाल विकास विभाग में पिछले करीब सात वर्षों से छिंदवाड़ा ग्रामीण में परियोजना अधिकारी के पद पर सेवाए दे रहे थे. अचानक आत्महत्या की खबर ने सबको चौंका दिया है. बताया गया कि बुधवार की देर रात उन्होंने अपने घर मे के बगल में एक निर्माणाधीन मकान में जान दी. शनिवार सुबह कोतवाली पुलिस को घटना की सूचना मिली. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुआयना कर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया और परिजनों के बयान दर्ज किए.
क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट किया था : बताया जाता है कि उन्होंने कई लोगों से पैसे लेकर क्रिप्टो करेंसी में लगाया था. मामले की पुलिस विवेचना कर रही है. पुलिस के अनुसार मनोज वानखेड़े करीब 50 वर्ष के थे. वह बालाघाट जिले के निवासी थे. सात साल पहले छिंदवाड़ा उनकी पोस्टिंग हुई थी. वह पत्नी और दो बच्चों एक पुत्र और एक पुत्री के साथ चंदनगांव में रह रहे थे. बताया गया कि परिजन पोस्टमार्ट बाद अंतिम संस्कार के लिए उनका पार्थिव बालाघाट ले गए हैं.
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कर्ज में डूब गए थे : छिंदवाड़ा सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया है कि प्रथम दृष्टया पूछताछ में पता चला है कि उन्होंने क्रिप्टो करेंसी में काफी इन्वेस्टमेंट कर दिया था. उनका काफी कर्ज भी हो गया था. इसी के चलते भी काफी परेशान रहते थे. शायद इसीलिए उन्होंने आत्महत्या जैसा कदम उठाया होगा. हालांकि पुलिस अभी पुख्ता प्रमाण की जांच कर रही है.